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अब बेसमेंट में नहीं होगा कारोबार, पार्किंग छोड़नी होगी खाली: उत्तराखंड सरकार

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 14 जून
  • 2 मिनट पठन

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उत्तराखंड: राजधानी देहरादून और प्रदेश के अन्य प्रमुख शहरों में बिगड़ती ट्रैफिक व्यवस्था और अव्यवस्थित पार्किंग की समस्या को गंभीरता से लेते हुए, उत्तराखंड सरकार ने एक अहम और सख्त निर्णय लिया है। इस आदेश के तहत अब व्यावसायिक भवनों (कॉमर्शियल बिल्डिंग्स) की बेसमेंट का उपयोग केवल और केवल वाहनों की पार्किंग के लिए ही किया जा सकेगा।


बेसमेंट में अब नहीं चल सकेंगी दुकानें, गोदाम या दफ्तर

अक्सर देखा गया है कि बड़े-बड़े शोरूम, मॉल और दफ्तर अपनी बिल्डिंग की बेसमेंट को पार्किंग की जगह न बनाकर वहां गोडाउन, स्टोर, रेस्टोरेंट, या अन्य व्यवसायिक गतिविधियों के लिए उपयोग में लाते हैं। इससे पार्किंग के लिए कोई स्थान नहीं बचता और वाहन सड़कों के किनारे खड़े किए जाते हैं, जिससे ट्रैफिक जाम जैसी स्थिति पैदा हो जाती है।


सरकार के नए निर्देशों के अनुसार, अब ऐसी हर बेसमेंट जो कॉमर्शियल उपयोग के लिए स्वीकृत भवनों में आती है, उसका इस्तेमाल केवल वाहन पार्क करने के लिए किया जा सकेगा।


कड़ी निगरानी और कार्रवाई का ऐलान

सरकार ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि यदि कोई भवन स्वामी इस आदेश की उल्लंघना करता पाया गया, तो संबंधित विभाग उसकी बिल्डिंग सील कर सकता है और कानूनी कार्यवाही भी की जाएगी।


नगर निगम और विकास प्राधिकरण को ऐसे भवनों की पहचान करने और निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं, जहां बेसमेंट का दुरुपयोग हो रहा है।


फैसले का उद्देश्य: सड़कों को अतिक्रमण मुक्त और यातायात सुगम बनाना

देहरादून सहित राज्य के अन्य शहरों में सड़क किनारे अवैध पार्किंग और अतिक्रमण की वजह से आमजन को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। स्कूल, अस्पताल, बाजार और कार्यालयों के आसपास वाहनों का बेतरतीब जमावड़ा आपात स्थिति में खतरे का कारण भी बनता है।


यह निर्णय न सिर्फ ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर बनाएगा, बल्कि शहरों को व्यवस्थित और सुरक्षित बनाने की दिशा में भी एक बड़ा कदम माना जा रहा है।


सरकार की अपील: भवन स्वामियों से सहयोग की अपेक्षा

सरकार ने भवन स्वामियों से अपील की है कि वे इस आदेश का पालन करें और बेसमेंट को मूल स्वरूप में पार्किंग उपयोग के लिए तैयार रखें, जिससे न केवल उन्हें जुर्माने और कार्रवाई से बचाया जा सके, बल्कि समाज हित में भी योगदान हो सके।

 
 
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