अब मोबाइल पर पता करें, कब आई मोहल्ले में कूड़ा गाड़ी, GPS तकनीक से होगा ट्रैकिंग
- ANH News
- 16 जून
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उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश के सभी नगर निकायों में कूड़ा उठाने वाले वाहनों की निगरानी को और प्रभावी बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। अब सभी नगर निकायों की कूड़ा उठाने वाली गाड़ियों पर GPS आधारित व्हीकल लोकेशन ट्रेसिंग सिस्टम (Vehicle Location Tracking System) अनिवार्य रूप से लागू किया जाएगा। यह व्यवस्था सचिव शहरी विकास नितेश झा के निर्देशानुसार लागू होगी, ताकि सफाई व्यवस्था में पारदर्शिता और जवाबदेही को सुनिश्चित किया जा सके।
वर्तमान में स्थिति और सुधार की आवश्यकता
देहरादून, हल्द्वानी सहित लगभग आठ नगर निकायों में वर्तमान में कूड़ा उठाने वाले वाहनों की GPS से निगरानी का कुछ-न-कुछ स्थानीय स्तर पर प्रावधान है, लेकिन यह प्रणाली कमजोर और पूरी तरह प्रभावी नहीं मानी जाती। ऐसे में कूड़ा प्रबंधन के दौरान कई बार शिकायतें आती थीं कि गाड़ियां वार्डों तक पहुंचती नहीं हैं या सफाई में लापरवाही बरती जाती है।
अब होगा सिस्टम का प्रदेशव्यापी विस्तार
सचिव नितेश झा ने निर्देश जारी किए हैं कि अब यह GPS आधारित निगरानी प्रणाली प्रदेश के सभी नगर निकायों में एक समान और मजबूत रूप से लागू की जाएगी। इसके लिए राज्य सरकार एनआईसी (National Informatics Centre) की मदद से एक विशेष सॉफ्टवेयर विकसित करेगी, जो रियल-टाइम में कूड़ा उठाने वाले वाहनों की लोकेशन ट्रैक करेगा।
रियल टाइम मॉनिटरिंग से बढ़ेगी जवाबदेही
इस नई व्यवस्था के तहत न केवल नगर निकाय बल्कि शहरी विकास विभाग और निदेशालय भी सभी कूड़ा उठाने वाली गाड़ियों की रोजाना रियल टाइम मॉनिटरिंग कर सकेंगे। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि गाड़ियां सभी वार्डों में नियमित रूप से पहुंचें और डोर-टू-डोर कूड़ा एकत्रण कार्य सही तरीके से हो।

GPS सिस्टम से कर्मचारियों की भी जवाबदेही तय होगी। अधिकारी गाड़ियों की हर गतिविधि को मॉनिटर कर पाएंगे, जिससे सफाई कर्मचारियों की लापरवाही और अनियमितता पर रोक लगेगी।
शिकायतों का होगा त्वरित समाधान
यह सिस्टम स्थानीय स्तर पर आने वाली शिकायतों को भी काफी हद तक कम करेगा, क्योंकि अब गाड़ियों की स्थिति और सफाई के रूट की सटीक जानकारी उपलब्ध होगी। इससे नागरिकों को भी बेहतर सेवा मिलेगी और स्वच्छता व्यवस्था में सुधार आएगा।





