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उत्तराखंड जैव प्रौद्योगिकी परिषद में भर्ती प्रक्रिया को कैबिनेट की मंजूरी, 46 पदों पर होगी नियुक्ति

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 13 जून
  • 2 मिनट पठन

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई उत्तराखंड मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य के वैज्ञानिक, पर्यावरणीय और प्रशासनिक ढांचे को सुदृढ़ करने वाले कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई। जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र से लेकर खनन नियंत्रण और जल निकायों की संरक्षा तक, कैबिनेट के फैसले राज्य की नीति-व्यवस्था में दूरगामी बदलाव लाने वाले माने जा रहे हैं।


जैव प्रौद्योगिकी परिषद में भर्ती प्रक्रिया को मिली हरी झंडी

राज्य की जैव तकनीकी क्षमता को मजबूती देने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए कैबिनेट ने उत्तराखंड जैव प्रौद्योगिकी परिषद (UBPC) में पहले से स्वीकृत 46 पदों की नियुक्ति के लिए नियमावली को मंजूरी दे दी है।


यह पद परिषद के दो केंद्रों—मुख्यालय देहरादून और एक अन्य उपकेंद्र—पर संचालित किए जाएंगे। अब इन पदों की भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी नियमों के तहत की जाएगी, जिससे इस वैज्ञानिक संस्था को कार्यकुशलता और मानव संसाधन के स्तर पर बल मिलेगा।


खनन विभाग में अवैध खनन रोकने हेतु 18 नए पद सृजित

भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग में 18 नए पदों के सृजन को भी कैबिनेट ने मंजूरी दी है। यह कदम हाईकोर्ट के निर्देशों के अनुपालन में लिया गया है, जो राज्य के संवेदनशील क्षेत्रों, विशेषकर बागेश्वर ज़िले के गांवों में अवैध खनन की शिकायतों के मद्देनज़र उठाया गया है।


नए पदों से विभाग को मैदानी निगरानी, कानून प्रवर्तन और लाइसेंसिंग संबंधी प्रक्रियाओं को और मजबूत करने में सहायता मिलेगी।


पर्यावरण संरक्षण की दिशा में बड़ा कदम: आसन बैराज को घोषित किया गया 'वेटलैंड ज़ोन'

कैबिनेट ने पर्यावरणीय संरक्षण को प्राथमिकता देते हुए आसन बैराज के दोनों ओर के 53 किलोमीटर क्षेत्र को 'वेटलैंड ज़ोन' के रूप में अधिसूचित करने की स्वीकृति दे दी है।

यह निर्णय आपत्तियों और सुझावों के सार्वजनिक दौर के बाद लिया गया, जिसे पर्यावरण हितैषियों द्वारा लंबे समय से उठाया जा रहा था। इससे इस संवेदनशील जल क्षेत्र में अनियंत्रित निर्माण, प्रदूषण और जैव विविधता को नुकसान पहुंचाने वाली गतिविधियों पर कानूनी अंकुश लगेगा।


देहरादून की नदियों के फ्लड जोन में बुनियादी ढांचे को मिली अनुमति

राजधानी क्षेत्र की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए, कैबिनेट ने रिस्पना और बिंदाल नदियों के फ्लड ज़ोन क्षेत्र में कुछ चुनिंदा बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को स्वीकृति दी है। इनमें शामिल हैं:


-एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट)


-मोबाइल टावर


-रोपवे टावर


-एलिवेटेड रोड और कॉरिडोर का निर्माण


इन परियोजनाओं को सख्त पर्यावरणीय शर्तों के साथ स्थानीय जनसुविधा और पर्यावरणीय संतुलन को ध्यान में रखते हुए लागू किया जाएगा।


उत्तराखंड कैबिनेट के ये फैसले राज्य में पर्यावरण संरक्षण, वैज्ञानिक शोध, शहरी ढांचे के विकास और प्रशासनिक मजबूती की दिशा में उठाए गए ठोस कदम हैं। सरकार ने स्पष्ट किया है कि विकास और संवेदनशीलता को संतुलित रखते हुए ही प्रदेश को भविष्य की जरूरतों के अनुरूप ढाला जाएगा।

 
 
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