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उत्तराखंड में 13 से 15 जून तक भारी बारिश का अनुमान, सतर्क रहें पर्वतीय इलाकों के लोग!

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 13 जून
  • 2 मिनट पठन

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उत्तराखंड में पिछले दिनों लगातार बढ़ते तापमान ने लोगों को काफी परेशान किया था, लेकिन अब मौसम ने करवट ली है। राज्य के कई इलाकों में बादलों की बरसात ने गर्मी से कुछ राहत दी है। खासतौर पर रूद्रप्रयाग, टिहरी और आसपास के पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश दर्ज की गई है, जिससे तापमान में गिरावट महसूस की जा रही है। हालांकि, मैदानी क्षेत्रों में अभी भी तेज और भीषण गर्मी का प्रकोप जारी है।


गुरुवार को राज्य के विभिन्न जिलों में हुई बारिश से तापमान में पर्याप्त कमी आई है। मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक, 16 और 17 जून को उत्तराखंड के कई हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। इसके अलावा, 20 जून तक मानसून की शुरुआत होने की संभावना जताई जा रही है, जिसके बाद राज्य में भारी बारिश का दौर शुरू हो सकता है।


आज का मौसम (13 जून 2025)


उत्तराखंड के नैनीताल, चंपावत, चमोली, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिलों में भारी वर्षा होने की संभावना है। इन क्षेत्रों में तेज़ हवाओं के साथ आकाशीय बिजली गिरने की आशंका है। पर्वतीय जिलों के अलावा तराई और अन्य मैदानी इलाकों में भी गरज-चमक के साथ बारिश हो सकती है।


मौसम विभाग ने राज्य के कई हिस्सों में भारी से बहुत भारी वर्षा, तेज़ हवाओं (40-50 किमी/घंटा), गर्जना और आकाशीय बिजली के चलते विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी है। इन परिस्थितियों के कारण भूस्खलन, नदियों में जलस्तर बढ़ने और सड़क मार्गों के बंद होने की संभावना बढ़ गई है।


14 जून 2025 का पूर्वानुमान


14 जून को नैनीताल, चंपावत, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर और पिथौरागढ़ में भारी बारिश होने की उम्मीद है। पूरे कुमाऊँ और गढ़वाल क्षेत्रों के पर्वतीय जिलों में तूफानी हवाओं का प्रभाव महसूस किया जाएगा। तराई क्षेत्र में भी बिजली गिरने और तेज झोंकों की संभावना बनी रहेगी।


इस वजह से राज्य के इन हिस्सों में सावधानी बरतना आवश्यक है, खासकर उन इलाकों में जहाँ भूस्खलन का खतरा अधिक होता है।


15 जून 2025 का मौसम


15 जून को भी नैनीताल, चंपावत, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर और पिथौरागढ़ में बारिश का दबाव बना रहेगा। साथ ही आकाशीय बिजली और तेज़ हवाओं के झोंके पूरे राज्य में महसूस किए जा सकते हैं।


मौसम विभाग ने भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में यात्रा करने से परहेज करने की सख्त सलाह दी है। नदियों और नालों के किनारे जाने से बचें, क्योंकि जलस्तर तेज़ी से बढ़ने का खतरा है।


सावधानी:


-भारी बारिश और तेज़ हवाओं के कारण सड़क मार्ग बाधित हो सकते हैं।


-भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को अलर्ट रहना चाहिए।


-बाहर निकलते समय सुरक्षा उपाय अपनाएं और स्थानीय प्रशासन की सलाह का पालन करें।

 
 
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