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गढ़वाल में शुरू हुआ पहला कम्युनिटी रेडियो स्टेशन ‘आइबेक्स तराना’, थल सेना प्रमुख ने किया शुभारंभ

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 10 जून
  • 2 मिनट पठन

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उत्तराखंड के चमोली ज़िले स्थित ज्योतिर्मठ में रविवार को भारतीय थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने पहले कम्युनिटी रेडियो स्टेशन ‘आइबेक्स तराना 88.4 एफएम’ का औपचारिक उद्घाटन किया। इस ऐतिहासिक पहल के साथ क्षेत्र में सूचना, संवाद और सांस्कृतिक संरक्षण को नया माध्यम मिला है।


उद्घाटन अवसर पर सेना प्रमुख ने गढ़वाल क्षेत्र की अग्रिम चौकियों का भी दौरा किया और वहां तैनात जवानों से मुलाकात कर उनका मनोबल बढ़ाया। उन्होंने जवानों की सेवा भावना, अनुशासन और समर्पण की सराहना करते हुए सतर्कता बनाए रखने का आह्वान किया।

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“आइबेक्स तराना युवाओं की आवाज बनेगा” – सेना प्रमुख

रेडियो स्टेशन के उद्घाटन के बाद, जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कम्युनिटी रेडियो के एक विशेष पॉडकास्ट में संवाद करते हुए कहा:


"आइबेक्स तराना सिर्फ एक रेडियो स्टेशन नहीं है, यह युवाओं की आवाज़ को स्वर देने वाला सशक्त मंच है। यह स्थानीय समुदाय को जोड़ने, प्रतिभाओं को उभारने और लोगों को अपनी जड़ों, संस्कृति और विरासत से जोड़ने का कार्य करेगा।"


उन्होंने यह भी कहा कि यह रेडियो स्टेशन स्थानीय अभिव्यक्ति, ज्ञान साझा करने और सांस्कृतिक संरक्षण का एक सशक्त माध्यम बनेगा।


स्थानीय विषयों पर आधारित होगा प्रसारण

आइबेक्स तराना का प्रसारण पूरी तरह से स्थानीय आवश्यकताओं और जनहित से जुड़े मुद्दों पर केंद्रित रहेगा। इसमें शिक्षा, पर्यावरण संरक्षण, मौसम संबंधी जानकारी, स्वास्थ्य सेवाएं, पारंपरिक कला, पर्यटन, रोजगार के अवसर, आपदा प्रबंधन और मनोरंजन से जुड़ी विषयवस्तु शामिल की जाएगी। इसका उद्देश्य सीमावर्ती क्षेत्रों के लोगों को सूचनात्मक और प्रेरणादायक सामग्री से जोड़ना है।


पूर्व सैनिकों को किया गया सम्मानित

इस अवसर पर सेना प्रमुख ने समाज सेवा और राष्ट्र निर्माण में उत्कृष्ट योगदान देने वाले कुछ पूर्व सैनिकों को ‘वेटरन्स अचीवमेंट अवॉर्ड’ से सम्मानित भी किया। यह सम्मान न केवल उनके समर्पण को मान्यता देने का एक माध्यम है, बल्कि युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत भी है।


आइबेक्स तराना 88.4 एफएम का शुभारंभ सिर्फ एक रेडियो प्रसारण की शुरुआत नहीं, बल्कि सीमांत क्षेत्र में सामाजिक जागरूकता, सांस्कृतिक विरासत और स्थानीय प्रतिभा के सशक्तिकरण की दिशा में एक अहम कदम है। सेना और समाज के इस साझा प्रयास से क्षेत्र के लोगों को नई आवाज़ और नई दिशा मिलेगी।

 
 
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