जहां से शुरू हुआ सफर, वहीं से सुधार की शुरुआत, बद्रीनाथ कोतवाली को IPS तृप्ति भट्ट ने लिया गोद
- ANH News
- 3 जून
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बदरीनाथ/चमोली – प्रदेश में पुलिस व्यवस्था को सशक्त और जनसहयोगी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए 40वीं वाहिनी पीएसी, हरिद्वार की सेनानायक और वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी तृप्ति भट्ट ने बदरीनाथ कोतवाली को गोद लिया है। यह पहल उत्तराखंड सरकार द्वारा शुरू की गई उस नीति का हिस्सा है जिसके अंतर्गत भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के अधिकारी अपने पहले तैनाती स्थल के किसी एक थाने या कोतवाली को गोद लेकर उसे ‘आदर्श थाना’ के रूप में विकसित करेंगे।
पहली नियुक्ति से जुड़े भावनात्मक और प्रशासनिक संबंध
तृप्ति भट्ट की पहली नियुक्ति वर्ष 2017 में चमोली जिले में पुलिस अधीक्षक के रूप में हुई थी और बदरीनाथ कोतवाली इसी जिले के अंतर्गत आती है। कोतवाली को गोद लेकर उन्होंने न सिर्फ अपने करियर की शुरुआत से जुड़े अनुभवों को फिर से जोड़ा है, बल्कि जमीनी पुलिस व्यवस्था में सुधार लाने की जिम्मेदारी भी अपने कंधों पर ली है।

‘आदर्श थाना’ मॉडल का उद्देश्य
इस नीति का प्रमुख उद्देश्य है:
वरिष्ठ अधिकारियों को अपने प्रारंभिक प्रशासनिक अनुभवों से पुनः जोड़ना
स्थानीय पुलिसिंग की गुणवत्ता में सुधार लाना
पुलिस कर्मियों के कल्याण व सुविधाओं में वृद्धि करना
जनता और पुलिस के बीच विश्वास व संवाद बढ़ाना

तृप्ति भट्ट की नवाचारपूर्ण पुलिसिंग का ट्रैक रिकॉर्ड
चमोली जिले में अपनी पहली पोस्टिंग के दौरान ही तृप्ति भट्ट ने कई महत्वपूर्ण और अभिनव पहलें की थीं।
उनकी सबसे उल्लेखनीय उपलब्धि थी –
राज्य का पहला वर्चुअल पुलिस स्टेशन शुरू करना,
जिसने डिजिटल पुलिसिंग और जवाबदेही की दिशा में एक नया अध्याय जोड़ा था।

बदरीनाथ में सुरक्षा और सेवा पर ज़ोर
सोमवार को बदरीनाथ पहुंचने पर, सेनानायक तृप्ति भट्ट ने कोतवाली में:
स्थानीय व्यवस्थाओं का गहन निरीक्षण किया
मंदिर की सुरक्षा में तैनात एंटी-टेररिस्ट स्क्वाड को जरूरी दिशा-निर्देश दिए
पुलिस कर्मियों को महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया
दर्शन के दौरान बुजुर्ग, बीमार और दिव्यांग श्रद्धालुओं की सहायता सुनिश्चित करने को कहा
जनता से संवाद और मित्रवत व्यवहार को पुलिस कार्य का मूल आधार बताया
पुलिसिंग में संवेदनशीलता और सेवा भाव का संदेश
तृप्ति भट्ट ने अपने संदेश में कहा कि पुलिस की भूमिका केवल कानून व्यवस्था बनाए रखना नहीं, बल्कि जनसेवा, संवेदनशीलता और भरोसे का निर्माण करना भी है। उन्होंने कहा कि थानों को तकनीकी रूप से सक्षम, कर्मचारियों को मानसिक रूप से सशक्त और जनता से संवादशील बनाना उनकी प्राथमिकता होगी।
उत्तराखंड पुलिस में सुधार की दिशा में नया अध्याय
प्रदेश सरकार की यह योजना यदि समर्पण और निगरानी के साथ लागू की जाती है तो इससे जमीनी पुलिस तंत्र में विश्वास, पारदर्शिता और जिम्मेदारी का माहौल तैयार होगा। तृप्ति भट्ट जैसी अधिकारियों की सक्रिय भागीदारी से यह मॉडल आने वाले समय में "उत्तराखंड पुलिस मॉडल" के रूप में एक राष्ट्रीय आदर्श बन सकता है।





