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रोजगार दो, रियायत लो! उत्तराखंड सरकार की कंपनियों के लिए नई पॉलिसी तैयार

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 11 जून
  • 2 मिनट पठन

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उत्तराखंड सरकार अब राज्य के आर्थिक विकास को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) सेक्टर को मजबूत आधार बनाने की दिशा में तीव्र गति से कार्य कर रही है। इस क्रम में राज्य सरकार जल्द ही नई आईटी इंडस्ट्री पॉलिसी लागू करने जा रही है, जिसका उद्देश्य उत्तराखंड को उत्तर भारत का अगला आईटी हब बनाना है।


रोजगार से जुड़ेगा रियायतों का सीधा संबंध

इस प्रस्तावित नीति की सबसे बड़ी विशेषता यह होगी कि कंपनियों को मिलने वाली रियायतें और लाभ सीधे तौर पर इस बात से जुड़ी होंगी कि वे राज्य के युवाओं को कितनी संख्या में रोजगार उपलब्ध करवा रही हैं। यानी, जितना अधिक स्थानीय रोजगार, उतनी अधिक सरकारी सहायता। इससे राज्य के प्रतिभाशाली युवाओं को स्थानीय स्तर पर ही बेहतर अवसर मिल सकेंगे और उन्हें महानगरों की ओर पलायन नहीं करना पड़ेगा।


प्रक्रियाएं होंगी आसान, निवेशकों को मिलेगा समर्थन

सेतु आयोग के उपाध्यक्ष राजशेखर जोशी ने जानकारी दी है कि आईटी नीति का मसौदा तैयार कर लिया गया है, जिसे अगले डेढ़ महीने में राज्य कैबिनेट के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।

नई नीति के तहत सरकार का प्रयास है कि आईटी कंपनियों को व्यवसायिक प्रक्रियाओं में सरलता, तेजी से अनुमतियां, और उदार सब्सिडी दी जाए, ताकि उन्हें उत्तराखंड में निवेश करने के लिए प्रोत्साहन मिले।


आईटी सेक्टर के लिए आदर्श वातावरण

उत्तराखंड के शुद्ध पर्यावरण, शांत जीवनशैली, और तेज़ डिजिटल कनेक्टिविटी को सरकार राज्य की विशेष ताकत मान रही है। जबकि भारी उद्योगों के लिए राज्य का भौगोलिक स्वरूप बाधा बन सकता है, वहीं आईटी जैसे ज्ञान-आधारित उद्योगों के लिए उत्तराखंड एक आदर्श और लागत-कुशल विकल्प बन सकता है।


राज्य सरकार का मानना है कि बड़े आईटी समूहों की उपस्थिति, न केवल प्रत्यक्ष रोजगार, बल्कि अन्य सपोर्ट इंडस्ट्रीज़ और स्टार्टअप्स को भी आकर्षित करेगी। इससे राज्य में एक नवाचार-आधारित इकोसिस्टम तैयार किया जा सकेगा।


अब तक 500 करोड़ का टर्नओवर, लेकिन आगे है बड़ी छलांग

वर्तमान में उत्तराखंड में करीब 100 लघु और मध्यम आईटी कंपनियां कार्यरत हैं, जिनका कुल वार्षिक टर्नओवर लगभग 500 करोड़ रुपये है। हालांकि, अब तक कोई बड़ा राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय आईटी समूह राज्य में निवेश के लिए आगे नहीं आया है।


नई नीति के तहत सरकार का लक्ष्य है कि कम से कम एक बड़ा कॉर्पोरेट समूह उत्तराखंड में निवेश करे, जिससे अन्य कंपनियों और निवेशकों का विश्वास बढ़े और राज्य में तेज गति से तकनीकी विकास हो।


नया दृष्टिकोण, नई दिशा: उत्तराखंड का डिजिटल भविष्य

सरकार का यह प्रयास न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को नई गति देगा, बल्कि उत्तराखंड को "सॉफ्टवेयर इन द माउंटेन्स" की नई पहचान भी दिला सकता है। इससे जहां राज्य के युवाओं को अपने ही घर के पास कैरियर के अवसर मिलेंगे, वहीं देश को उत्तर भारत में एक नया तकनीकी केंद्र भी प्राप्त होगा।

 
 
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