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सीमावर्ती आठ गांवों के 882 घरों तक जल्द पहुंचेगी बिजली, ITBP के 43 आउटपोस्ट में भी होगा उजाला

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 20 जून
  • 2 मिनट पठन

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भारत-चीन सीमा से सटे अत्यंत दुर्गम और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्रों में बिजली पहुंचाने के लिए यूपीसीएल ने युद्धस्तर पर काम शुरू कर दिया है। केंद्र सरकार की बार्डर आउटपोस्ट योजना (BOP) और वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम (VVP) के तहत सीमावर्ती आठ गांवों के 882 घरों में जल्द ही बिजली पहुंचाने का कार्य प्रगति पर है। साथ ही, भारत-चीन सीमा के नजदीक स्थित ITBP के 43 आउटपोस्ट भी इस योजना के तहत रोशन होंगे, जिससे उनकी कार्यक्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।


यूपीसीएल ने तैयार की ठोस कार्ययोजना


उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) ने इन दुर्गम क्षेत्रों तक बिजली पहुंचाने के लिए विस्तृत और सटीक कार्ययोजना तैयार की है। पिथौरागढ़, उत्तरकाशी और चमोली जिले के भारत-चीन सीमा से सटे 43 ITBP आउटपोस्ट और आठ सीमावर्ती गांवों को बिजली प्रदान करने की निविदा प्रक्रिया सफलतापूर्वक पूरी हो चुकी है। इस योजना के तहत कुल 882 घरों को ग्रिड आधारित बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी।


वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत कौन-कौन से गांव शामिल हैं?


वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के अंतर्गत उत्तरकाशी जिले के पुराली गांव तथा पिथौरागढ़ जिले के नवी, कुट्टी, गूंजी, गरबयांग, शीला, बलिंग और तिडांग गांव को चिन्हित किया गया है। इन गांवों तक बिजली पहुंचाने के लिए सर्वेक्षण कार्य जोरों पर है। इसमें तकनीकी आकलन, लाइन रूट निर्धारण, पोल लोकेशन, ट्रांसफार्मर की योजना और अन्य आवश्यक तैयारियां शामिल हैं।


दुर्गम पहाड़ी इलाकों में भी तेज़ी से हो रहा कार्य


इन सीमावर्ती पहाड़ी इलाकों की कठिन भौगोलिक और मौसम संबंधी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए यूपीसीएल के क्षेत्रीय दल युद्धस्तर पर काम कर रहे हैं। कंपनी के प्रबंध निदेशक, श्री अनिल कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मार्गदर्शन में यह योजनाएं न केवल ग्रामीण सशक्तिकरण बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण हैं।


सीमावर्ती क्षेत्रों में बिजली की उपलब्धता के फायदे


सीमा से सटे इन क्षेत्रों में बिजली पहुंचने से ITBP चौकियों की सुरक्षा और कार्यक्षमता में सुधार होगा। इसके साथ ही स्थानीय निवासियों को शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और डिजिटल कनेक्टिविटी जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध होंगी, जिससे उनकी जीवन गुणवत्ता में भी सुधार आएगा।


इस प्रोजेक्ट से सीमावर्ती गांवों का समग्र विकास संभव होगा और ये क्षेत्र राष्ट्रीय विकास की मुख्यधारा से जुड़ पाएंगे।


वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम और बार्डर आउटपोस्ट योजना के तहत भारत-चीन सीमा के समीप ये विकास कार्य न केवल सीमावर्ती इलाकों की सुरक्षा को मजबूत करेंगे, बल्कि ग्रामीण जीवन को भी आधुनिक बनाने में सहायक सिद्ध होंगे। यूपीसीएल की इस पहल से उत्तराखंड के इन महत्वपूर्ण क्षेत्रों का भविष्य उज्जवल होगा।

 
 
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