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हरिद्वार को छोड़कर प्रदेश के 12 जिलों में 15 जुलाई तक होंगे पंचायत चुनाव, कैबिनेट में संशोधित अध्यादेश पर चर्चा

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 5 जून
  • 2 मिनट पठन

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उत्तराखंड सरकार प्रदेश के 12 जिलों में 15 जुलाई तक त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराने की तैयारी में जुटी हुई है। केवल हरिद्वार जिला फिलहाल इस प्रक्रिया से बाहर रहेगा। इसके लिए आज राज्य मंत्रिमंडल (कैबिनेट) की बैठक में संशोधित अध्यादेश का प्रस्ताव लाया जा सकता है। कैबिनेट की मंजूरी के बाद यह प्रस्ताव पुनः राज्यपाल (राजभवन) को भेजा जाएगा, जिसके साथ ही चुनाव की तिथि भी औपचारिक रूप से तय हो जाएगी।


पहले अध्यादेश को राजभवन ने किया था अस्वीकार

गौरतलब है कि इससे पहले राज्य सरकार ने पंचायत चुनावों के लिए विचलन (डिविएशन) के माध्यम से एक अध्यादेश प्रस्तुत किया था। हालांकि, राजभवन ने यह कहते हुए अध्यादेश को वापस लौटा दिया था कि इसमें कई बिंदु स्पष्ट नहीं हैं। राजभवन की ओर से यह भी सुझाव दिया गया कि प्रस्ताव मुख्यमंत्री, संबंधित मंत्री एवं विधायी विभाग के स्पष्ट नोट के साथ पुनः प्रस्तुत किया जाए।


हाईकोर्ट में सरकार ने दिया है शपथपत्र

सरकार की ओर से उत्तराखंड हाईकोर्ट में यह शपथपत्र भी प्रस्तुत किया गया है कि पंचायत चुनाव 15 जुलाई तक संपन्न करा दिए जाएंगे। ऐसे में आगामी 45 दिनों के भीतर पूरी चुनाव प्रक्रिया को पूर्ण करना अनिवार्य होगा। इसी को ध्यान में रखते हुए पंचायतों में नियुक्त प्रशासकों का कार्यकाल छह महीनों की बजाय अब केवल आगामी डेढ़ महीने तक बढ़ाया जा सकता है।


संशोधित अध्यादेश में होगी तिथि की स्पष्टता

संशोधित अध्यादेश में यह स्पष्ट रूप से उल्लेख किया जाएगा कि पंचायत चुनाव किस तिथि तक और किस प्रक्रिया से कराए जाएंगे, ताकि राजभवन की ओर से उठाई गई आपत्तियों का पूर्ण समाधान हो सके। आज होने वाली कैबिनेट बैठक में इस संशोधन पर विस्तृत चर्चा की जाएगी।


कैबिनेट में स्वीकृति के बाद दोबारा राजभवन भेजा जाएगा प्रस्ताव

पंचायतीराज सचिव चंद्रेश कुमार यादव ने बताया कि पंचायत चुनाव से संबंधित अध्यादेश को लेकर जो आपत्तियाँ राजभवन की ओर से दी गई थीं, उन्हें ध्यान में रखते हुए आवश्यक सुधार किए जा रहे हैं। आज की कैबिनेट बैठक के पश्चात अध्यादेश को आवश्यक टिप्पणियों सहित दोबारा राज्यपाल को अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा।

 
 
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