हरिद्वार भूमि घोटाले की विजिलेंस जांच के आदेश, सीएम धामी ने दिए विक्रय पत्र निरस्त के निर्देश
- ANH News
- 5 जून
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हरिद्वार में सामने आए भूमि घोटाले को लेकर राज्य सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए मामले की विजिलेंस जांच के आदेश दे दिए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घोटाले से संबंधित विवादित भूमि के विक्रय पत्रों (Sale Deeds) को तत्काल निरस्त करने के निर्देश भी जारी किए हैं।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि इस पूरे प्रकरण में यदि किसी भी स्तर पर अनियमितताएं, धोखाधड़ी या भूमि के दुरुपयोग की पुष्टि होती है तो जिम्मेदार व्यक्तियों के विरुद्ध कानूनी और दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
क्या है मामला?
हरिद्वार में एक बड़ी भूमि के क्रय-विक्रय को लेकर गंभीर गड़बड़ियों की शिकायतें सामने आई थीं। प्राथमिक जांच में सामने आया कि उक्त भूमि की खरीद-फरोख्त में नियमों की अनदेखी की गई और प्रभावशाली तत्वों द्वारा शासकीय नियमों को ताक पर रखकर बड़े स्तर पर लेन-देन किया गया।
इस मामले को लेकर स्थानीय नागरिकों, जनप्रतिनिधियों और सामाजिक संगठनों द्वारा सरकार से उच्च स्तरीय जांच की मांग की जा रही थी।
मुख्यमंत्री का कड़ा संदेश
मुख्यमंत्री धामी ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि:
संबंधित सभी विक्रय पत्रों को त्वरित प्रभाव से निरस्त किया जाए।
राजस्व, पंजीयन और नगर विकास विभाग इस संबंध में समन्वय बनाकर उचित कार्यवाही सुनिश्चित करें।
जांच प्रक्रिया पारदर्शी, निष्पक्ष और समयबद्ध तरीके से हो।
किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह किसी भी पद या प्रभाव में हो।
राज्य सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति
राज्य सरकार ने एक बार फिर दोहराया है कि भ्रष्टाचार या नियमों के उल्लंघन के मामलों में जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाएगी। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया,
"जनता के विश्वास को ठेस पहुंचाने वाले किसी भी कार्य को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रशासनिक जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी और राज्य के संसाधनों की रक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है।"





