हेलीकॉप्टर क्रैश के बाद कार्रवाई, आर्यन एविएशन का संचालन रोका गया, दो पायलटों का लाइसेंस रद्द
- ANH News
- 16 जून
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केदारनाथ घाटी में हुए हालिया हेलीकॉप्टर हादसे के बाद नागर विमानन मंत्रालय ने सख्त रुख अपनाते हुए आर्यन एविएशन की चारधाम यात्रा सेवा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। हादसे में पांच यात्रियों, एक शिशु और पायलट की मृत्यु हो गई थी। इस त्रासदी के बाद सुरक्षा मानकों की गंभीर अनदेखी को देखते हुए केंद्र सरकार ने एक के बाद एक कड़े कदम उठाए हैं।
आर्यन एविएशन का संचालन निलंबित
मंत्रालय द्वारा जारी जानकारी के अनुसार, आर्यन एविएशन का हेलिकॉप्टर केदारनाथ से उड़ान भरकर गुप्तकाशी की ओर जा रहा था, जब वह दुर्गम इलाके में क्रैश हो गया। हादसे के प्राथमिक विश्लेषण में यह संदेह जताया गया है कि दुर्घटना का कारण "Controlled Flight Into Terrain" (CFIT) हो सकता है — यानी खराब मौसम और सीमित दृश्यता के बावजूद उड़ान भरना।
घटना के दौरान घाटी के प्रवेश क्षेत्र में घना कोहरा और बादलों का व्यापक जमावड़ा था, फिर भी हेलिकॉप्टर ने उड़ान जारी रखी। इस स्थिति को नियमों और सुरक्षा प्रोटोकॉल का सीधा उल्लंघन माना गया है। दुर्घटना की विस्तृत जांच विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) द्वारा की जाएगी।
दो अन्य पायलटों का लाइसेंस छह महीने के लिए निलंबित
आर्यन एविएशन के अतिरिक्त, मेसर्स ट्रांसभारत एविएशन के दो पायलट — कैप्टन योगेश ग्रेवाल और कैप्टन जितेंद्र हरजाई — भी खराब मौसम में उड़ान भरते पाए गए। मंत्रालय ने तत्काल प्रभाव से दोनों पायलटों के उड़ान लाइसेंस छह माह के लिए निलंबित कर दिए हैं। इस कार्रवाई को "Zero Tolerance" नीति के तहत अंजाम दिया गया है।
मुख्यमंत्री की उच्च स्तरीय बैठक के बाद एक्शन मोड में मंत्रालय
घटना की गंभीरता को देखते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तत्काल एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई, जिसमें नागर विमानन मंत्रालय, DGCA, उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (UCADA) और अन्य प्रमुख अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
बैठक के बाद मंत्रालय ने आदेश दिया कि:
-केदारनाथ घाटी में हेलिकॉप्टर उड़ानों की सक्रिय निगरानी सुनिश्चित की जाए
-UCADA कमांड एंड कंट्रोल सेंटर की कार्यप्रणाली की गहन समीक्षा की जाए
-उड़ान से पहले मौसम की अनिवार्य जांच, तकनीकी निरीक्षण और SOP का पालन सुनिश्चित हो
-DGCA के उड़ान, सुरक्षा और प्रचालन अधिकारियों को तत्काल मौके पर तैनात किया जाए
-मंत्रालय ने स्पष्ट कहा है कि विमानन सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जा सकता, और कोई भी ऑपरेटर मौसम या अन्य सुरक्षा प्रोटोकॉल के उल्लंघन की स्थिति में उड़ान नहीं भर सकेगा।
DGCA करेगी हादसे की विस्तृत जांच
उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (UCADA) की सीईओ सोनिका ने बताया कि केदारनाथ में हुई दुर्घटना की सूचना नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) को दे दी गई है।
DGCA द्वारा स्वतंत्र जांच की जाएगी, और रिपोर्ट के आधार पर आगे की जिम्मेदारी तय की जाएगी। इसी के साथ आर्यन एविएशन के संचालन पर रोक और पायलटों के लाइसेंस निलंबन की कार्यवाही भी तत्काल प्रभाव से लागू की गई है।
नागर विमानन मंत्रालय का सख्त रुख इस बात का स्पष्ट संकेत है कि तीर्थ यात्रा जैसी संवेदनशील उड़ानों में किसी भी प्रकार की चूक की कोई गुंजाइश नहीं छोड़ी जाएगी। यह कदम यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोपरि रखते हुए हेली सेवा ऑपरेटरों को सख्त अनुशासन में लाने की दिशा में एक अहम पड़ाव है।





