प्रधानमंत्री मोदी ने केदारनाथ हेलीकॉप्टर हादसे पर सीएम धामी से की फोन पर बात, केंद्र से सहायता का दिलाया भरोसा
- ANH News
- 16 जून
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केदारनाथ हेली दुर्घटना पर पूरे देश में शोक की लहर है। इस हादसे में सात लोगों की जान जाने के बाद केंद्र और राज्य सरकारें एक्शन मोड में आ गई हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साइप्रस से फोन कर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बात की और हादसे की पूरी जानकारी ली।

प्रधानमंत्री ने इस दुखद दुर्घटना पर गहरी संवेदना व्यक्त की और शोक संतप्त परिवारों को यह दुख सहने की शक्ति देने की प्रार्थना की। उन्होंने राज्य को केंद्र सरकार की ओर से हरसंभव सहायता का आश्वासन भी दिया।
मुख्यमंत्री ने दी हादसे की जानकारी:
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रधानमंत्री को बताया कि दुर्घटना के बाद तुरंत उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गई और राहत व बचाव कार्य शुरू कर दिए गए। उन्होंने यह भी बताया कि:
-हादसे की गहन जांच के लिए उच्चस्तरीय समिति गठित करने के निर्देश दिए गए हैं।
-हेली सेवाओं के संचालन में बेहतर समन्वय और नियंत्रण के लिए देहरादून में एक ‘कॉमन कमांड एंड कोऑर्डिनेशन सेंटर’ स्थापित किया जाएगा।
-दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
केंद्रीय गृह मंत्री और नागरिक उड्डयन मंत्री का भी सहयोग आश्वासन:
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने भी मुख्यमंत्री धामी से फोन पर बात की और हादसे पर गहरी चिंता जताते हुए केंद्र सरकार के पूर्ण सहयोग का भरोसा दिलाया। दोनों मंत्रियों ने कहा कि इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों, इसके लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे।
राज्यपाल ने जताया गहरा दुख:
उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि) गुरमीत सिंह ने हेलीकॉप्टर हादसे में हताहत लोगों के प्रति शोक व्यक्त करते हुए कहा कि यह अत्यंत पीड़ादायक क्षण है। उन्होंने दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना करते हुए शोक संतप्त परिजनों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं।
हेली सेवाएं फिलहाल बंद, पायलटों की जांच होगी:
मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए हैं कि सोमवार तक चारधाम के लिए सभी हेली सेवाएं स्थगित रहेंगी। इस दौरान:
सभी हेलिकॉप्टर ऑपरेटरों और पायलटों की योग्यता और हिमालयी उड़ान अनुभवों की जांच की जाएगी।
DGCA, UCADA, सिविल एविएशन, आपदा प्रबंधन और हेली कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ विस्तृत समीक्षा बैठक के बाद ही सेवाओं को फिर से शुरू किया जाएगा।
मुख्यमंत्री का स्पष्ट संदेश:
“हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता आम जन की सुरक्षा और जीवन की रक्षा है। किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यदि कहीं भी नियमों का उल्लंघन या शिथिलता पाई जाती है, तो संबंधित पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”