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निर्मल आश्रम द्वारा आयोजित 16वां रक्तदान शिविर सफलतापूर्वक सम्पन्न, 112 लोगों ने किया रक्तदान

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 1 अक्टू॰
  • 2 मिनट पठन
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ऋषिकेश-चिकित्सा और जनसेवा के क्षेत्र में निरंतर अग्रणी भूमिका निभा रहे निर्मल आश्रम अस्पताल, ऋषिकेश द्वारा दिनांक 3 अप्रैल 2025 को निर्मल आश्रम खैरी कलाँ, नजदीक नेपाली फार्म, ऋषिकेश में 16वाँ स्वैच्छिक रक्तदान शिविर आयोजित किया गया। यह शिविर परिवर्तन चैरिटेबल ब्लड बैंक के सहयोग से आयोजित हुआ, जो एन.जी.ए. एवं एन.ई.आई. के तीन दिवसीय वार्षिक समागम के दूसरे दिन का प्रमुख आयोजन रहा।


रक्तदान शिविर में क्षेत्र के लोगों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और बड़ी संख्या में रक्तदान के लिए आगे आए। अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डा. अजय शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि निर्मल आश्रम संस्था वर्ष में दो बार स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन करती है, और इस कड़ी में यह 16वां शिविर है। उन्होंने बताया कि इस बार के शिविर में 112 लोगों ने स्वेच्छा से रक्तदान कर मानवता की सेवा में अपना अमूल्य योगदान दिया।

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शिविर का शुभारंभ निर्मल आश्रम के महंत बाबा राम सिंह जी महाराज ने स्वयं अपने कर-कमलों द्वारा रिबन काट कर किया। इस अवसर पर बाबा राम सिंह जी महाराज ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को जीवनकाल में रक्तदान तथा मरणोपरांत नेत्रदान का संकल्प अवश्य लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि मानव सेवा से बड़ा कोई धर्म नहीं है और रक्तदान जैसा पुनीत कार्य जीवन के सबसे नेक कार्यों में से एक है।


समारोह के दौरान संत जोध सिंह जी महाराज ने भी सभा को संबोधित किया और निर्मल आश्रम द्वारा चिकित्सा एवं शिक्षा के क्षेत्रों में किए जा रहे जनकल्याणकारी कार्यों की सराहना करते हुए आश्वासन दिया कि भविष्य में भी यह सेवाएं इसी प्रकार निरंतर जारी रहेंगी।

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इस अवसर पर नगर व आसपास के अनेक गणमान्य व्यक्ति एवं सेवाभावी जन उपस्थित रहे, जिनमें प्रमुख रूप से करमजीत सिंह, डा. इंदू शर्मा, संदीप चौधरी, अमन कुमार, चरनजीत सिंह, कुलदीप सिंह (दीप्पा जी), हरमनप्रीत सिंह, अजय शर्मा, ललिता कृष्णास्वामी, डा. सुनीता शर्मा, अमृतपाल डंग, गुरजिंदर सिंह, दिनेश शर्मा, हरप्रीत सिंह, गुरदीप सिंह, दविंदर सिंह भट्टी, अनिल किंगर सहित शहर के अन्य गणमान्य नागरिक भी मौजूद रहे।


निर्मल आश्रम द्वारा आयोजित यह रक्तदान शिविर न केवल चिकित्सा सहायता का सशक्त माध्यम बना, बल्कि यह सामाजिक जागरूकता और मानवता की सेवा की मिसाल भी साबित हुआ।

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