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उत्तराखंड के ग्रामीण इलाकों में अपराध पर लगेगा ब्रेक, 1983 गांवों में लागू होगी सामान्य पुलिस व्यवस्था

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 6 अक्टू॰
  • 1 मिनट पठन
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उत्तराखंड सरकार ने कानून-व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक ऐतिहासिक और निर्णायक कदम उठाते हुए राज्य के 1983 राजस्व गांवों को अब नियमित पुलिस व्यवस्था के अंतर्गत लाने का फैसला किया है। यह निर्णय शनिवार देर रात कैबिनेट की मंजूरी और हाईकोर्ट के आदेशों के बाद लिया गया। अब इन गांवों में पारंपरिक पटवारी पुलिस व्यवस्था की जगह सामान्य पुलिस थानों की तैनाती की जाएगी, जिससे गांवों को भी शहरी इलाकों की तरह त्वरित और व्यवस्थित पुलिस सहायता मिल सकेगी।


सरकार का मानना है कि इस कदम से न सिर्फ आपराधिक घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण हो सकेगा, बल्कि कानून का पालन सुनिश्चित करते हुए न्याय तक आम जनता की पहुंच भी और अधिक सुलभ होगी। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में सुरक्षा की भावना मजबूत होगी और पुलिस व्यवस्था में पारदर्शिता व जवाबदेही बढ़ेगी।


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस फैसले को राज्य की कानून व्यवस्था को मजबूत करने वाला "ऐतिहासिक निर्णय" बताते हुए कहा कि इससे गांवों में अपराध नियंत्रण के साथ-साथ विकास और सामाजिक विश्वास का वातावरण भी बेहतर होगा। उन्होंने कहा कि यह कदम उत्तराखंड को एक सुरक्षित, संगठित और कानून सम्मत राज्य के रूप में आगे बढ़ाने में मील का पत्थर साबित होगा।


मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य सरकार आमजन के हित में काम करते हुए पुलिस और प्रशासन के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि हर नागरिक खुद को सुरक्षित और संरक्षित महसूस कर सके।

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