top of page

मुख्यमंत्री ने किया राज्य स्तरीय शहरी विकास सम्मेलन का शुभारंभ

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 2 दिन पहले
  • 3 मिनट पठन
ree

उत्तराखंड: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को काशीपुर स्थित एक होटल के सभागार में आयोजित राज्य स्तरीय शहरी विकास सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। मुख्यमंत्री ने दीप प्रज्वलित कर सम्मेलन का शुभारंभ किया।


कार्यक्रम में प्रदेश के सभी नगर निकायों के महापौर, अध्यक्ष, नगर आयुक्त और अधिशासी अधिकारी मौजूद रहे। महापौर दीपक बाली ने मुख्यमंत्री धामी का स्वागत किया। इस अवसर पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, प्रदेश प्रवक्ता गुरविंदर सिंह चंडोक, जिलाध्यक्ष मनोज पाल और संयोग चावला सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।


महापौर ने रखी निकायों की मांगें:

अपने संबोधन में महापौर दीपक बाली ने कहा कि उत्तराखंड अपनी स्थापना के 25 वर्ष पूरे कर रजत जयंती मना रहा है, जो सभी के लिए गर्व का क्षण है। उन्होंने सभी निकायों की ओर से मांग रखी कि विद्युत विभाग नगर निकायों की भूमि पर ट्रांसफॉर्मर स्थापित करता है, लेकिन इसके एवज में निकायों को कोई भुगतान नहीं किया जाता। इसलिए जनता से वसूले जाने वाले बिजली बिल का 2% हिस्सा निकायों को दिए जाने की व्यवस्था की जानी चाहिए।


विधायक त्रिलोक सिंह चीमा का संबोधन:

विधायक त्रिलोक सिंह चीमा ने कहा कि नगर प्रबंधन एक बड़ी जिम्मेदारी है और इस सम्मेलन का उद्देश्य अनुभव साझा कर भविष्य की योजनाओं को दिशा देना है। उन्होंने कहा कि “नगर सेवा कोई पद नहीं, बल्कि यह जनसेवा की प्रतिज्ञा है।”

उन्होंने सभी निकाय प्रतिनिधियों से भ्रष्टाचार से दूर रहने, आधुनिक तकनीकों को अपनाने और शहरों को स्वच्छ व सुरक्षित बनाने का आग्रह किया। उनके अनुसार, “नगरों का विकास ही देश के विकास की असली पहचान है।”


मुख्यमंत्री धामी का संबोधन: ‘नगर निकाय राज्य के विकास की रीढ़ हैं’

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने संबोधन में कहा कि उत्तराखंड राज्य अनेक चुनौतियों का सामना करते हुए 25 गौरवशाली वर्ष पूरे करने जा रहा है। उन्होंने कहा कि बार-बार आने वाली प्राकृतिक आपदाओं से राज्य को नुकसान हुआ और कई लोगों ने अपने परिजनों को खोया, फिर भी प्रदेश ने हिम्मत नहीं हारी।

उन्होंने कहा कि “शहरों की दशा और दिशा तय करने में नगर निकायों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।”


मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य गठन के समय जहां केवल 63 स्थानीय निकाय थे और देहरादून एकमात्र नगर निगम था, वहीं आज 160 नगरीय निकाय और 11 नगर निगम हैं।

इन दो दशकों में राज्य ने तेज़ी से विकास किया है, रोज़गार के अवसर सृजित हुए हैं और प्रधानमंत्री आवास योजना के माध्यम से हजारों परिवारों का पक्का घर पाने का सपना साकार हुआ है।


विकास कार्यों और योजनाओं का उल्लेख:

मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रत्येक नगर निकाय में ‘रजत जयंती पार्क’ का निर्माण कराया जा रहा है, जिनमें से 57 पार्कों की स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि राज्य में आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करने, स्थानीय अर्थव्यवस्था और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।


उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार ने 1100 करोड़ रुपये की लागत से औद्योगिक पार्क और 100 करोड़ रुपये की लागत से एरोमा पार्क की स्थापना का कार्य शुरू किया है, जिससे स्थानीय स्तर पर रोजगार को नई दिशा मिलेगी।


धार्मिक विरासत और कानून व्यवस्था पर भी बोले मुख्यमंत्री:

मुख्यमंत्री ने कहा कि काशीपुर के चैती मंदिर को अब मानसखंड का हिस्सा बनाया गया है और क्षेत्र के अन्य प्राचीन मंदिरों के पुनर्निर्माण पर कार्य जारी है।

उन्होंने कानून व्यवस्था पर सख्त रुख दिखाते हुए कहा कि “लव जिहाद, लैंड जिहाद और अवैध मदरसों पर कठोर कार्रवाई की गई है।”

मुख्यमंत्री ने चेतावनी दी कि “सनातन धर्म को बदनाम करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।”


मुख्यमंत्री का संदेश:

कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि “चुनौतियों के बावजूद उत्तराखंड ने पिछले चार वर्षों में कई अभूतपूर्व उपलब्धियाँ हासिल की हैं। सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में उत्तराखंड देश के सबसे विकसित और आत्मनिर्भर राज्यों में शामिल हो।”

bottom of page