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72 की उम्र, कई बीमारियां...निर्मल आश्रम अस्पताल में महिला की जटिल सर्जरी सफल

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 21 सित॰
  • 2 मिनट पठन

अपडेट करने की तारीख: 22 सित॰

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ऋषिकेश स्थित निर्मल आश्रम अस्पताल में चिकित्सा विज्ञान की एक और मिसाल पेश की गई है। यहां के विशेषज्ञ डॉक्टरों ने 72 वर्षीय एक बुजुर्ग महिला की सफल रिवर्स शोल्डर आर्थोप्लास्टी सर्जरी कर न केवल उनकी पीड़ा को खत्म किया, बल्कि उन्हें फिर से सामान्य जीवन जीने की उम्मीद भी दी। यह सर्जरी इसलिए भी बेहद जटिल मानी जा रही थी क्योंकि महिला पूर्व से ही उच्च रक्तचाप और लीवर संबंधी बीमारी से पीड़ित थीं, और हाल ही में घर में चलते समय गिरने से उनके कंधे की हड्डी कई टुकड़ों में टूट गई थी।


निर्मल आश्रम अस्पताल के प्रमुख महंत बाबा राम सिंह महाराज और व्यवस्थापक संत जोध सिंह महाराज ने इस जटिल ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम देने पर डॉक्टरों की टीम को बधाई दी है। अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. अजय शर्मा ने जानकारी दी कि महिला को 2 सितंबर को गंभीर अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराया गया था। गिरने से उनके कंधे की हड्डी 4-5 भागों में टूट गई थी, साथ ही सीधी हथेली में फ्रैक्चर-डिसलोकेशन और सिर में भी चोट लगी थी।


इस स्थिति में पारंपरिक ऑपरेशन द्वारा हड्डी को जोड़ना संभव नहीं था। ऐसे में अस्पताल में कार्यरत हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. शिवम मालवीय ने आधुनिक चिकित्सा पद्धति और लेटेस्ट इंटरनेशनल गाइडलाइन्स को ध्यान में रखते हुए ‘रिवर्स शोल्डर आर्थोप्लास्टी’ करने का निर्णय लिया। इस प्रक्रिया में कंधे का जोड़ पूरी तरह से बदला जाता है और यह विशेष तकनीक ऐसे मामलों में अपनाई जाती है जब हड्डी के जोड़ने की संभावना समाप्त हो चुकी हो।


लगातार तीन घंटे चले इस ऑपरेशन को अत्याधुनिक तकनीक और उपकरणों की मदद से सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया। सर्जरी के बाद महिला की स्थिति स्थिर है और उन्होंने उपचार के प्रति संतोष जाहिर करते हुए अस्पताल की पूरी टीम का आभार व्यक्त किया।


यह उपलब्धि न केवल चिकित्सकीय विशेषज्ञता का प्रमाण है, बल्कि इस बात का भी संकेत है कि उत्तराखंड जैसे क्षेत्रों में भी अब जटिल और उच्च स्तरीय सर्जरी संभव हो रही हैं। निर्मल आश्रम अस्पताल ने एक बार फिर साबित किया है कि सेवा, श्रद्धा और विज्ञान के संगम से हर कठिनाई का समाधान संभव है।

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