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अमावस्या पर गुरु घर में लगा भक्तों का मेला, दिवाली पर बंदी छोड़ दिवस के बारे में जाना

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 23 अक्टू॰
  • 1 मिनट पठन
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ऋषिकेश: अमावस्या को भानियावाला के पास गुरुद्वारा साहिब शहीदां सिंघा नुनावाला में माथा टेकने के लिए हजारों श्रद्धालुओं पहुंचे। दरबार साहिब में भक्तों के पहुँचने का सिलसिला सुबह से शाम तक चलता रहा। यहाँ पूरी श्रद्धा से लोगों ने प्रवचन सुने और दीपावली की महत्वता को समझा। इस दौरान दरबार साहिब में विशेष धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।

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कथावाचक अतर सिंह ने संगतों को बताया कि सनातन धर्म में जहां प्रभु श्री राम के 14 साल वनवास काटकर घर वापस आने की खुशी में दीपावली मनाई जाती है। वहीं सिख समुदाय में दीपावली को 'बंदी छोड़ दिवस' के रूप में मनाया जाता है। अतर सिंह जी ने बताया कि बादशाह जहांगीर ने चुनौती बनने वाले 52 राजाओं को ग्वालियर के किले में कैद कर लिया था। जिन्हें गुरु हरगोबिंद साहिब ने रिहा कराया था।

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गुरुद्वारा के प्रधान ओंकार सिंह और हेड ग्रंथी हरप्रीत सिंह के अनुसार ऐसी मान्यता है कि गुरुद्वारा साहिब में लंगर खाकर जाने वालों के घर कभी भी अनाज की कमी नहीं होती है।

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