नेपाल की हिंसा पहुंची भारत की दहलीज़ पर! उत्तराखंड सीमा पर सघन निगरानी
- ANH News
- 10 सित॰
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अपडेट करने की तारीख: 11 सित॰

नेपाल में भड़की हिंसा और आगजनी की लपटें अब भारत तक पहुंचने लगी हैं। पड़ोसी देश में मची इस अशांति के मद्देनज़र भारत के सीमावर्ती राज्यों में सुरक्षा व्यवस्था को अलर्ट मोड पर डाल दिया गया है। उत्तर प्रदेश समेत उत्तराखंड ने भी नेपाल से सटे जिलों में चौकसी बढ़ा दी है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए मंगलवार देर रात नेपाल सीमा से लगे तीन प्रमुख सीमांत जिलों- चंपावत, पिथौरागढ़ और उधमसिंह नगर- को लेकर एक उच्चस्तरीय बैठक की। इस बैठक में पुलिस प्रशासन, SSB और खुफिया एजेंसियों के अधिकारियों ने हिस्सा लिया और सीमा सुरक्षा से संबंधित तैयारियों की समीक्षा की गई।
मुख्यमंत्री आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आयोजित इस बैठक में धामी ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि नेपाल सीमा से सटी हर गतिविधि पर कड़ी नजर रखी जाए। उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात में किसी भी तरह की चूक गंभीर परिणाम ला सकती है, इसलिए असामाजिक और उत्पाती तत्वों की पहचान और निगरानी को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। साथ ही, सीमा पर सघन चेकिंग अभियान चलाने और संदिग्ध लोगों की धरपकड़ के निर्देश भी दिए गए।
धामी ने कहा कि सीमा पार से होने वाले आवागमन पर विशेष सतर्कता बरती जाए और सभी प्रवेश मार्गों पर चौकसी बढ़ाई जाए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जिला प्रशासन, पुलिस, वन विभाग और ग्राम समितियों को मिलाकर एक सामूहिक निगरानी तंत्र तैयार किया जाए, जो जमीनी स्तर पर लगातार गतिविधियों पर नजर रख सके। इससे किसी भी संभावित खतरे को समय रहते रोका जा सकेगा।
मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से सोशल मीडिया की निगरानी को लेकर भी अधिकारियों को सतर्क किया। उन्होंने कहा कि अफवाहों, भ्रामक सूचनाओं और उकसाने वाली पोस्ट्स के जरिए माहौल बिगाड़ने की कोशिश हो सकती है, इसलिए डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर सतत निगरानी और समय रहते कार्रवाई जरूरी है। किसी भी आपत्तिजनक सामग्री को नजरअंदाज़ न करते हुए, तत्काल प्रभाव से उचित कदम उठाए जाएं।
बैठक में मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि केंद्रीय एजेंसियों और SSB के साथ तालमेल बनाए रखा जाए, ताकि किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए सूचनाओं का आदान-प्रदान तत्काल और प्रभावी तरीके से हो सके। उन्होंने कहा कि यदि आवश्यकता हो, तो सीमा क्षेत्र में अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती भी की जाए और केंद्र सरकार की ओर से जारी सुरक्षा से जुड़ी गाइडलाइन्स का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाए।
बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि सीमांत क्षेत्रों की सुरक्षा केवल बलों की तैनाती से नहीं, बल्कि स्थानीय समुदायों की भागीदारी से और मजबूत की जा सकती है। इसलिए ग्रामीणों को भी निगरानी और सूचना तंत्र का हिस्सा बनाया जाए। मुख्यमंत्री ने खुफिया तंत्र को सक्रिय रखने और आने वाले दिनों में स्थिति पर निरंतर नजर बनाए रखने के निर्देश भी दिए।
उत्तराखंड सरकार का यह त्वरित और सतर्क रवैया यह दर्शाता है कि राज्य प्रशासन नेपाल में मचे उथल-पुथल के प्रभावों को लेकर पूरी तरह सजग है और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार रहना चाहता है।





