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ऋषिकेश में जनसेवा का सशक्त संदेश, जरुरतमंदों को पूर्व मेयर ने बांटे तिरपाल और कंबल

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 12 सित॰
  • 2 मिनट पठन

अपडेट करने की तारीख: 13 सित॰

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ऋषिकेश में ज़रूरतमंदों की मदद के एक और सराहनीय अध्याय की शुरुआत हुई, जब पूर्व महापौर अनिता ममगाईं के प्रयासों एवं रेड क्रॉस संस्था के सहयोग से मालवीय नगर वार्ड 34 और गीता नगर वार्ड 33 में तिरपाल और कंबल का वितरण किया गया। बरसात के इस मौसम में जिन लोगों की झोपड़ियां प्लास्टिक की पन्नियों से बनी हैं या जिनके पास गौशाला की छत भी ढंग की नहीं है, उनके लिए यह सहायता किसी संजीवनी से कम नहीं रही।


रेहड़ी-पटरी पर जीवन चलाने वाले छोटे व्यापारियों से लेकर झुग्गी-बस्तियों में रहने वाले परिवारों तक, कई ऐसे लोग हैं जिनके पास बारिश और ठंड से बचाव के पर्याप्त साधन नहीं होते। ऐसे में तिरपाल और कंबल जैसे बुनियादी संसाधनों का वितरण न केवल राहत पहुंचाता है, बल्कि यह संदेश भी देता है कि समाज में अब भी कुछ हाथ ऐसे हैं जो बिना किसी स्वार्थ के दूसरों के लिए आगे बढ़ते हैं।


इस कार्यक्रम में रेड क्रॉस संस्था की सक्रिय भागीदारी उल्लेखनीय रही। संस्था की ओर से डॉक्टर हरीश चंद्र शर्मा (प्रभारी महासचिव), मुंशी चौमवाल (राज्य आपदा प्रबंधन समन्वयक), आशीष नेगी (लेखाकार) और जगबीर रावत (रेड क्रॉस उत्तराखंड राज्य शाखा, देहरादून) ने मौके पर रहकर वितरण कार्य को पूरा करवाया। स्थानीय प्रतिनिधियों में पार्षद राजेश कोटियाल, पूर्व पार्षद विजय बडोनी सहित अनेक समाजसेवी उपस्थित रहे।


इस अवसर पर अनिता ममगाईं ने रेड क्रॉस संस्था द्वारा उन्हें आजीवन सदस्य नामित किए जाने पर हर्ष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह उनके लिए न केवल सम्मान की बात है, बल्कि एक बड़ी जिम्मेदारी भी है। उन्होंने कहा कि रेड क्रॉस जैसी संस्था से जुड़ना उनके लिए सौभाग्य की बात है, क्योंकि यह संस्था उन क्षेत्रों तक पहुंचती है जहां कभी-कभी सरकारी व्यवस्था भी समय पर नहीं पहुंच पाती। संस्था की संवेदनशीलता और त्वरित सहायता की भावना को उन्होंने सलाम करते हुए कहा कि वे तन, मन और धन से इस संस्था के साथ समाज सेवा के हर कार्य में भागीदार बनेंगी।


उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि यह सेवा कार्य यहीं नहीं रुकेगा। लगातार बस्तियों में घूम-घूम कर ऐसे पात्र लोगों को चिन्हित किया जाएगा जो वास्तव में इस मदद के हकदार हैं। वितरण कार्यक्रम के दौरान जब उन्होंने जरूरतमंदों के चेहरे पर राहत और मुस्कान देखी, तो उनका मन भी भावुक हो उठा। उन्होंने कहा कि यही वो पल हैं जो किसी भी जनसेवक को आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं।


मालवीय नगर दुर्गा मंदिर परिसर में आयोजित इस कार्यक्रम के माध्यम से एक बार फिर यह संदेश गया कि सेवा भाव अगर सच्चा हो, तो सीमाएं टूटती हैं, और इंसानियत जीतती है। अनिता ममगाईं की यह पहल और रेड क्रॉस का समर्पण उन हजारों जरूरतमंदों के लिए उम्मीद की एक नई किरण बनकर सामने आया है।

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