अवादा फाउंडेशन का सराहनीय कार्य, शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कदम
- ANH News
- 20 जुल॰
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ऋषिकेश। एक सशक्त और समृद्ध समाज के निर्माण के लिए शिक्षा अनिवार्य है। इसी दृष्टि से कार्यरत अवादा फाउंडेशन उत्तराखंड के सीमांत और दूरस्थ क्षेत्रों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए लगातार प्रयासरत है। फाउंडेशन न केवल शिक्षा के क्षेत्र में, बल्कि सशक्तिकरण, पर्यावरण संरक्षण, स्वास्थ्य सेवाओं एवं ग्रामीण इलाकों में सौर ऊर्जा उपलब्ध कराने जैसे महत्वपूर्ण कार्यों में भी सक्रिय भूमिका निभा रहा है।
अवादा फाउंडेशन की डायरेक्टर रितु पटवारी ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में फाउंडेशन की गतिविधियों और उद्देश्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि फाउंडेशन अब तक उत्तराखंड के 665 स्कूलों की दशा सुधारने के साथ-साथ शिक्षा की गुणवत्ता में भी सुधार ला चुका है।
ऋषिकेश व आसपास के 12 सरकारी स्कूलों में फर्नीचर की व्यवस्था अवादा फाउंडेशन द्वारा की जा चुकी है, जबकि राज्य के सीमांत जिलों में 42 स्कूलों में वर्चुअल क्लासेज के माध्यम से बच्चों को आधुनिक तकनीक के जरिए शिक्षा दी जा रही है। बच्चों को पारंपरिक हस्तशिल्प के साथ-साथ विषय-आधारित डिजिटल सामग्री जैसे एनिमेटेड वीडियो, प्रोजेक्टर, और एक्टिविटी-आधारित शिक्षण सामग्री प्रदान की जा रही है, जो कक्षा 1 से 12 तक के पाठ्यक्रम को सरल, रोचक एवं प्रभावी बनाती है।
शिक्षकों के लिए भी विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जिनमें उन्हें डिजिटल शिक्षण पद्धति और स्मार्ट तकनीकों से परिचित कराया जाता है। इससे न केवल शिक्षकों की कार्यशैली में आधुनिकता आई है, बल्कि वे तकनीकी रूप से भी अधिक सशक्त हुए हैं, जो बच्चों को बेहतर शिक्षा प्रदान करने में सहायक है।
यह पहल उत्तराखंड के पिथौरागढ़, बागेश्वर, चमोली, टिहरी, और उत्तरकाशी जैसे दूरदराज के जिलों के गांवों तक पहुंच रही है, जहां इंटरनेट और संसाधनों की कमी के कारण शिक्षा में पिछड़ापन था। अब डिजिटल शिक्षा की यह नई रोशनी वहां के बच्चों के जीवन में उम्मीद की किरण लेकर आई है।
अवादा फाउंडेशन के इस कार्य में पारंपरिक हस्तशिल्प समुदाय, शिक्षक, अभिभावक, पंचायत प्रतिनिधि एवं स्थानीय लोग भी सक्रिय रूप से भागीदारी निभा रहे हैं। बच्चों को डिजिटल सामग्री घर पर भी उपलब्ध कराई जा रही है, जिससे घर-परिवार में भी शिक्षा का वातावरण बन रहा है।
इसके अतिरिक्त, कोविड-19 महामारी के दौरान अवादा फाउंडेशन ने हजारों परिवारों को राहत सामग्री उपलब्ध कराई, साथ ही राज्य सरकार को ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और 25 BiPAP मशीनें भी प्रदान कीं।
अवादा फाउंडेशन और प्लैनेट रीड के संयुक्त प्रयास से उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में डिजिटल शिक्षा का यह अभियान एक नई क्रांति की शुरुआत है। यह पहल राज्य के छात्रों को डिजिटल युग की मुख्यधारा से जोड़ने के साथ-साथ पूरे क्षेत्र के सर्वांगीण विकास की दिशा में एक मजबूत कदम साबित हो रही है।





