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मोहनचट्टी का आयुष केंद्र बनेगा 'मिनी आयुर्वेद विलेज', जिलाधिकारी ने दिए निर्देश

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 19 जुल॰
  • 2 मिनट पठन
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मोहनचट्टी/पौड़ी। आयुष चिकित्सा को सुदृढ़ करने और ग्रामीण क्षेत्रों में पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से जिलाधिकारी पौड़ी, स्वाति एस. भदौरिया ने शनिवार को मोहनचट्टी स्थित आयुष्मान आरोग्य मंदिर का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने इस केंद्र को ‘मिनी आयुर्वेद विलेज’ के रूप में विकसित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए।


आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा के समन्वय से तैयार होगा मॉडल केंद्र

जिलाधिकारी ने कहा कि इस केंद्र को ऐसा रूप दिया जाए, जहाँ ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्र के लोग आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, पंचकर्म, ध्यान और पौष्टिक जीवनशैली की सेवाओं का लाभ ले सकें। उन्होंने इसे एकीकृत स्वास्थ्य सेवा केंद्र के रूप में विकसित करने का सुझाव दिया, जिससे यह मॉडल प्रदेश के अन्य आयुष केंद्रों के लिए उदाहरण बन सके।


स्थानीय औषधीय पौधों और हर्बल गार्डन की होगी स्थापना

स्वाति भदौरिया ने निर्देश दिए कि परिसर में स्थानीय जड़ी-बूटियों और औषधीय पौधों का हर्बल गार्डन भी विकसित किया जाए, जिससे न केवल उपचार में उपयोग हो, बल्कि आयुष पद्धति के प्रति जनजागरूकता भी बढ़े। उन्होंने यह भी कहा कि स्थानीय लोगों को इन जड़ी-बूटियों के प्रयोग, महत्व और खेती के लिए भी प्रशिक्षित किया जाए।


इन्फ्रास्ट्रक्चर और मानव संसाधन को मिलेगी मजबूती

निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने केंद्र में उपलब्ध चिकित्सकों, चिकित्सकीय उपकरणों, दवाओं की उपलब्धता और भवन की स्थिति की भी समीक्षा की। उन्होंने यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि यहाँ आने वाले मरीजों को समुचित सलाह, इलाज और फॉलोअप सेवाएं उपलब्ध कराई जाएँ।


आयुष सेवाओं का डिजिटलीकरण और प्रशिक्षण का भी रहेगा ध्यान

उन्होंने केंद्र के डिजिटलीकरण, ऑनलाइन स्वास्थ्य रिकॉर्ड, और टेलीमेडिसिन सेवाओं की संभावनाओं पर भी चर्चा की। साथ ही आयुष कर्मियों को नियमित प्रशिक्षण देने की बात कही, ताकि सेवाओं की गुणवत्ता बनी रहे।

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