ध्यान गुफाओं में अब बिजली, बेड और शौचालय की सुविधा, जल्द शुरू होगा रात्रि प्रवास
- ANH News
- 24 जून
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उत्तराखंड: बदरीनाथ में स्थित ध्यान गुफाएं अब श्रद्धालुओं के लिए और अधिक सुविधाजनक और आरामदायक बनने जा रही हैं। नगर पंचायत बदरीनाथ इन ध्यान गुफाओं को आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित करने में जुटी है, जिससे साधना और ध्यान के लिए आने वाले श्रद्धालु अब यहां रात भी ठहर सकें।
ध्यान गुफाएं बनेंगी सुविधा संपन्न:
नीलकंठ पर्वत की तलहटी में, बदरीनाथ मंदिर से लगभग 500 मीटर की दूरी पर, ऋषिगंगा जलप्रपात के पास चार ध्यान गुफाएं निर्मित की गई हैं। इनमें से दो गुफाएं पारंपरिक पत्थरों से बनी हैं, जबकि दो गुफाएं सीमेंटयुक्त आधुनिक ढांचे की हैं। इन गुफाओं का निर्माण नगर पंचायत बदरीनाथ द्वारा वर्ष 2022 में किया गया था।
चारधाम यात्रा के दौरान यहां ध्यान व साधना के लिए अनेक श्रद्धालु पहुंचते हैं, लेकिन बुनियादी सुविधाओं के अभाव के कारण उन्हें रात्रि प्रवास की अनुमति नहीं दी जाती थी। अब इन गुफाओं में बेड, बिजली, इलेक्ट्रिक केतली, कम्बल, और गुफाओं के बाहर शौचालय जैसी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
सुधारीकरण कार्य अंतिम चरण में:
इन गुफाओं को सर्दियों में हुई भारी बर्फबारी से क्षति पहुंची थी, जिसके बाद से इनका मरम्मत कार्य किया जा रहा है। नगर पंचायत के अधिशासी अभियंता सुनील पुरोहित ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देशानुसार ध्यान गुफाओं को सुविधा संपन्न बनाया जा रहा है और एक जुलाई 2025 से इनका संचालन पुनः शुरू कर दिया जाएगा।
अब होगा रात्रि प्रवास और शुल्क निर्धारण:
अब तक 41 श्रद्धालु इन गुफाओं में ध्यान और साधना कर चुके हैं। पहले यहां ध्यान के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाता था, लेकिन अब गुफाओं में रात्रि प्रवास की अनुमति के साथ-साथ नाममात्र का शुल्क भी लिया जाएगा। नगर पंचायत का बोर्ड जल्द ही शुल्क की दरों को अंतिम रूप देगा।
ध्यान और आध्यात्मिक साधना के लिए उत्तम स्थान:
प्राकृतिक सौंदर्य और पर्वतीय वातावरण के बीच स्थित ये गुफाएं साधना और ध्यान के लिए एक शांतिपूर्ण स्थान प्रदान करती हैं। आधुनिक सुविधाओं के जुड़ने से यह स्थान अब और अधिक आकर्षक और उपयोगी बन जाएगा, विशेषकर उन श्रद्धालुओं के लिए जो एकांत में अध्यात्म की गहराई में उतरना चाहते हैं।





