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17 अक्तूबर को बंद होंगे रुद्रनाथ धाम के कपाट, गोपेश्वर में होंगे भगवान के दर्शन

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 29 सित॰
  • 2 मिनट पठन
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पवित्र हिमालय की गोद में स्थित चतुर्थ केदार श्री रुद्रनाथ मंदिर के कपाट आगामी 17 अक्तूबर को ब्रह्ममुहूर्त में विधिवत पूजा-अर्चना के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। इसके पश्चात भगवान रुद्रनाथ की चल विग्रह डोली अपने शीतकालीन गद्दीस्थल चमोली जनपद के गोपेश्वर स्थित गोपीनाथ मंदिर के लिए प्रस्थान करेगी, जहां अगले छह महीनों तक श्रद्धालु भगवान रुद्रनाथ के दर्शन कर सकेंगे और शीतकालीन पूजा संपन्न होगी।


पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य देवेंद्र सिंह नेगी ने जानकारी देते हुए बताया कि कपाट बंदी के दिन मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना के उपरांत भगवान की चल प्रतिमा को भव्य डोली यात्रा के रूप में रवाना किया जाएगा। यह यात्रा स्थानीय परंपराओं, धार्मिक गीतों और भक्तिमय वातावरण के बीच सम्पन्न होती है, जिसे देखने और भाग लेने के लिए क्षेत्र के ग्रामवासी व श्रद्धालु बड़ी संख्या में उपस्थित रहते हैं।


इस वर्ष बरसात के मौसम ने रुद्रनाथ यात्रा को काफी प्रभावित किया। भारी वर्षा और खराब मौसम के चलते तीर्थयात्रियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, जिससे यात्रा की संख्या अपेक्षाकृत कम रही। हालांकि इसके बावजूद प्रशासन और वन विभाग के प्रयासों से यात्रियों को आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं।


केदारनाथ वन्यजीव प्रभाग द्वारा हक-हकूकधारी गांवों में ईडीसी (इको-टूरिज्म कमेटी) का गठन किया गया, जिससे रुद्रनाथ यात्रा मार्ग में स्थित बुग्याल क्षेत्रों में तीर्थयात्रियों को रहने और भोजन की बेहतर व्यवस्था मिल सकी। इससे न केवल यात्रियों की सुविधा में वृद्धि हुई, बल्कि स्थानीय लोगों को भी रोजगार और सहभागिता के अवसर मिले।


भगवान रुद्रनाथ के कपाट बंद होने के साथ ही हिमालयी धामों की यात्रा धीरे-धीरे विराम की ओर बढ़ेगी, और शीतकालीन धार्मिक गतिविधियाँ अब गोपेश्वर के गोपीनाथ मंदिर में केंद्रित रहेंगी, जहां भगवान रुद्रनाथ की पूजा विधि-विधान से जारी रहेगी।

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