चमोली में आपदा से 115 करोड़ से ज्यादा का नुकसान, केंद्रीय टीम ने की गहन समीक्षा
- ANH News
- 9 सित॰
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अपडेट करने की तारीख: 10 सित॰

सोमवार को केंद्र सरकार की अंतर-मंत्रालयी टीम ने उत्तराखंड के चमोली ज़िले के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का गहन निरीक्षण किया। टीम के सदस्यों ने सबसे पहले थराली क्षेत्र का स्थलीय दौरा किया, जहां उन्होंने बाढ़ और भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित इलाकों की वस्तुस्थिति का जायज़ा लिया। इसके बाद उन्होंने चमोली जनपद के चेपड़ो, नंदा नगर, कर्णप्रयाग और जोशीमठ क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण (एरियल सर्वे) भी किया, ताकि व्यापक स्तर पर आपदा से हुई क्षति की वास्तविक स्थिति को देखा और समझा जा सके।
निरीक्षण के पश्चात टीम ने कुलसारी स्थित राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज में एक समीक्षा बैठक आयोजित की, जहां आपदा से प्रभावित क्षेत्रों में हुई क्षति का विस्तार से मूल्यांकन किया गया। इस दौरान चमोली के जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने एक पॉवर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से टीम को जिले में हुई अतिवृष्टि, बाढ़ और भूस्खलन की स्थिति की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने थराली, चेपड़ो और नंदा नगर में हुई जनहानि, भू-संपत्ति के नुकसान और सरकारी परिसंपत्तियों को हुई क्षति का विवरण प्रस्तुत किया।
जिलाधिकारी ने जानकारी दी कि चमोली जनपद में हालिया आपदा के कारण 115 करोड़ रुपये से अधिक की क्षति दर्ज की गई है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस आपदा से सर्वाधिक नुकसान लोक निर्माण विभाग (PWD) और प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (PMGSY) के तहत निर्मित सड़कों को हुआ है, जिनके क्षतिग्रस्त होने से आवागमन बाधित हो गया है। हालांकि, जनहानि की दृष्टि से स्थिति अपेक्षाकृत कम गंभीर रही, जहां थराली क्षेत्र में एक युवती की मृत्यु और एक व्यक्ति के लापता होने की सूचना है। फिर भी, कई परिवारों के मकान पूरी तरह या आंशिक रूप से ध्वस्त हो चुके हैं, जिससे वे बेघर हो गए हैं और उन्हें अस्थायी राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी है।
इस आपदा से न केवल लोगों की छत छिन गई, बल्कि उनके जीवनयापन का आधार भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है। विशेषकर थराली क्षेत्र में 50 से अधिक दुकानों के क्षतिग्रस्त होने से स्थानीय व्यापारियों के सामने रोज़ी-रोटी का गंभीर संकट उत्पन्न हो गया है। इन दुकानों के बंद होने से न केवल व्यापार ठप हुआ है, बल्कि सैकड़ों परिवारों की आर्थिक निर्भरता पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।
केंद्रीय टीम द्वारा किया गया यह निरीक्षण राज्य सरकार द्वारा भेजी गई आपदा रिपोर्ट का सत्यापन और पुनर्मूल्यांकन करने के उद्देश्य से किया गया है, ताकि केंद्र से सहायता राशि और पुनर्निर्माण कार्यों के लिए आवश्यक संसाधनों का सही निर्धारण किया जा सके। टीम के इस दौरे से यह उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही चमोली ज़िले के आपदा प्रभावित क्षेत्रों को राहत और पुनर्वास के लिए केंद्र सरकार से आवश्यक मदद प्राप्त होगी।





