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बदलता मौसम वायरल फीवर का बढ़ता संकट, स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चेतावनी

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 6 अक्टू॰
  • 3 मिनट पठन
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ऋषिकेश: बदलते मौसम के कारण वायरल फीवर के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है। सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है, विशेषकर बच्चों के लिए यह स्थिति चिंताजनक है। हाल के दिनों में मौसम में अचानक बदलाव देखा गया है। गर्मी से ठंड की ओर बढ़ते मौसम ने लोगों की प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर दिया है।


स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं कि जब अचानक तापमान में बदलाव होता है, तो यह शरीर की इम्यूनिटी को प्रभावित करता है। इस मौसम परिवर्तन के कारण वायरल फीवर के मामलों में वृद्धि हो रही है, और अब तक 60% नए मरीज बुखार, खांसी, नजला और जुकाम जैसी समस्याओं से ग्रस्त हैं।


इस समय, बच्चों में वायरल फीवर के मामलों में करीब 70% की वृद्धि दर्ज की गई है, जो माता-पिता के लिए चिंता का विषय बन गई है।


अस्पतालों में बढ़ती भीड़:

ऋषिकेश के सरकारी अस्पतालों के अलावा, प्राइवेट अस्पतालों की ओपीडी में भी वायरल फीवर से पीड़ित मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। हाल के आंकड़ों के अनुसार, शहर के सभी अस्पतालों में एकसाथ 150 से ज्यादा मरीज वायरल फीवर के लिए इलाज करवा रहे हैं, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं पर भारी दबाव पड़ रहा है।

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डॉक्टरों का कहना है कि कई मरीज बुखार के लक्षण के साथ कई दिनों तक घर पर रहते हैं। जब स्थिति गंभीर हो जाती है, तब वे अस्पताल पहुंचते हैं। यह प्रवृत्ति उनके इलाज में कठिनाई पैदा करती है, और ऐसा करने वाले मरीजों की संख्या में पिछले महीने लगभग 40% की वृद्धि हुई है।


डॉक्टरों की सलाह:

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। उनका कहना है कि बुखार होने पर लोगों को खुद से दवाइयां लेने के बजाय डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। यह बेहद जरूरी है कि किसी भी मरीज को बुखार की स्थिति में सही चिकित्सा सहायता प्राप्त हो।


डॉक्टरों का मानना है कि वायरल एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में तेजी से फैल रहा है। इसलिए, सावधानी बरतना और समय पर इलाज कराना आवश्यक है।


वायरल फीवर के लक्षण:

वायरल फीवर के सामान्य लक्षणों में बुखार, खांसी, नजला, जुकाम और शरीर में दर्द शामिल हैं। यदि किसी व्यक्ति को इन लक्षणों का अनुभव होता है, तो उसे तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।


विशेष रूप से बच्चों में, वायरल फीवर के लक्षण अधिक गंभीर हो सकते हैं। हालैंड में किए गए एक अध्ययन के अनुसार, 30% से ज्यादा बच्चे वायरल फीवर से ग्रस्त होते हैं जिनमें तेज बुखार होता है। इसलिए, माता-पिता को अपने बच्चों के स्वास्थ्य पर लगातार नज़र रखनी चाहिए और किसी भी असामान्य लक्षण पर तुरंत चिकित्सा सहायता लेनी चाहिए।


स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति:

ऋषिकेश एम्स में भी वायरल फीवर से पीड़ित मरीजों की संख्या ज्यादा देखी जा रही है, जिसमें पिछले महीने 20% की बढ़ोतरी हुई है। यहां तक कि पहाड़ी क्षेत्रों से आने वाले मरीजों की संख्या भी खासकर बदलते मौसम में बढ़ रही है।

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स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति को देखते हुए, यह जरूरी है कि स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग इस समस्या के समाधान के लिए ठोस कदम उठाएं।


सलाह और चेतावनी:-

ऋषिकेश में बदलते मौसम के कारण वायरल फीवर का बढ़ता संकट एक गंभीर चुनौती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह है कि लोग सतर्क रहें और समय पर चिकित्सा सहायता प्राप्त करें।


जैसे-जैसे मौसम बदलता है, यह जरूरी है कि हम अपनी स्वास्थ्य सुरक्षा के प्रति जागरूक रहें। वायरल फीवर के मामलों में वृद्धि को देखते हुए, हमें सावधानी बरतनी चाहिए और अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए।


इस प्रकार, ऋषिकेश में वायरल फीवर के बढ़ते मामलों के बीच, लोगों को सतर्क रहना और समय पर इलाज कराना अनिवार्य है

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