CharDham Yatra: घोड़े-खच्चरों से संक्रामक रोग की पुष्टि के बाद सरकार का अलर्ट, यात्रा से पहले जांच अनिवार्य
- ANH News
- 3 अप्रैल
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रुद्रप्रयाग जिले में घोड़े और खच्चरों में इक्वाइन इन्फ्लुएंजा (घोड़ा फ्लू) के संक्रमण की पुष्टि होने के बाद उत्तराखंड सरकार ने तुरंत कदम उठाए हैं। राज्य के पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इस मामले में अधिकारियों के साथ आपात बैठक की और निर्देश दिए कि घोड़े और खच्चरों की स्वास्थ्य जांच अनिवार्य रूप से की जाए।
चारधाम यात्रा को ध्यान में रखते हुए सख्त कदम
मंत्री ने सचिवालय में आयोजित बैठक में कहा कि रुद्रप्रयाग के वीरोन और बस्ती गांव में घोड़े और खच्चरों में इक्वाइन इन्फ्लुएंजा का संक्रमण पाया गया है। उन्होंने इस संदर्भ में कहा कि चारधाम यात्रा के दौरान किसी भी संक्रमित पशु को यात्रा में शामिल होने से रोकने के लिए घोड़े और खच्चरों की स्क्रीनिंग को उच्च प्राथमिकता दी जाए। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी पशु यात्रा के लिए तैयार होने से पहले पूरी तरह से स्वस्थ हों।
स्वास्थ्य परीक्षण और दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी
मंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि रुद्रप्रयाग, टिहरी, उत्तरकाशी, बागेश्वर, और चमोली जिलों के साथ-साथ प्रदेश की सीमाओं पर स्थित पशु रोग नियंत्रण चौकियों पर सभी घोड़े और खच्चरों का अनिवार्य स्वास्थ्य परीक्षण किया जाए। इसके अलावा, अन्य राज्यों से आने वाले घोड़े और खच्चरों को स्वास्थ्य प्रमाणपत्र और इक्वाइन इन्फ्लुएंजा निगेटिव रिपोर्ट के साथ ही प्रदेश में प्रवेश दिया जाएगा। यह कदम यह सुनिश्चित करेगा कि केवल स्वस्थ और सुरक्षित पशु ही यात्रा में शामिल हों।
क्वारंटीन केंद्रों की स्थापना और दवाओं की उपलब्धता
पशुपालन मंत्री ने जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग को निर्देश दिया कि वे अपने जिले में इस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए क्वारंटीन केंद्र स्थापित करें और इस रोग के इलाज के लिए सभी आवश्यक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करें। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस पूरे अभियान में किसी प्रकार की लापरवाही को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और जो अधिकारी निर्देशों का पालन नहीं करेंगे, उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
सरकार का ध्यान संक्रमण को रोकने और यात्रा को सुरक्षित बनाने पर
सरकार का प्रमुख उद्देश्य चारधाम यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार के संक्रमण के प्रसार को रोकना और यात्रा को सुरक्षित बनाना है। इसके लिए घोड़े और खच्चरों की पूरी जांच और निगरानी की जाएगी, ताकि संक्रमण का कोई भी खतरा न हो।