शीतकाल के लिए केदारनाथ धाम और गंगोत्री मंदिर के बंद हुए कपाट, मुख्यमंत्री भी पहुंचे
- ANH News
- 23 अक्टू॰
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चारधाम यात्रा अब अपने समापन की ओर बढ़ रही है। आज प्रातः 11:30 बजे गंगोत्री धाम में मां गंगा के मंदिर के कपाट शीतकालीन बंदोबस्त के तहत बंद कर दिए गए। इस महत्वपूर्ण क्षण पर पूरा धाम मां गंगा के जयकारों और भव्य आयोजन से गूंज उठा। मां गंगा के स्वागत के लिए तैयार किए गए मुखबा गांव में भी उत्सव की रौनक देखने को मिली है। मंदिर को अत्यंत भव्य और सुंदर तरीके से सजाया गया है, ताकि श्रद्धालु इस अंतिम दर्शन का सौभाग्य प्राप्त कर सकें। अब कपाट बंद होने के बाद गंगोत्री में मां गंगा के दर्शन केवल यहीं किए जाएंगे।
वहीं, भैयादूज के अवसर पर, 23 अक्टूबर को यमुनोत्री धाम में मां यमुना के मंदिर के कपाट दोपहर 12:30 बजे शीतकालीन बंदोबस्त के तहत बंद कर दिए जाएंगे। इसके बाद यमुना माता की उत्सव मूर्ति खरसाली गांव में स्थापित की जाएगी, जहां श्रद्धालु उनकी पूजा-अर्चना कर सकेंगे।
कार्तिक माह की अन्नकूट पूजा के दिन मां गंगा की उत्सव डोली अपने शीतकालीन प्रवास स्थल मुखबा गांव की ओर प्रस्थान करेगी। इस अवसर पर यात्रा से जुड़े स्थानीय व्यापारी आशीष सेमवाल और विनय उनियाल ने बताया कि सर्दियों के मौसम में भी यमुनोत्री और गंगोत्री के शीतकालीन पड़ाव खरसाली और मुखबा गांव तक तीर्थयात्रा को जारी रखकर देश-विदेश के श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आकर्षित किया जा सकता है। इस दौरान तीर्थयात्री न केवल यमुना और गंगा के पूजन-अर्चन में शामिल हो सकेंगे, बल्कि बर्फबारी के अद्भुत दृश्य का भी आनंद उठा सकेंगे।
इस वर्ष की चारधाम यात्रा में अब तक कुल 14,02,128 श्रद्धालुओं ने पवित्र स्थलों का दर्शन किया है, जिनमें से यमुनोत्री धाम में 6,44,366 और गंगोत्री धाम में 7,57,762 तीर्थयात्री शामिल हैं। आगामी दिनों में जब तीनों धामों के कपाट पूर्ण रूप से बंद हो जाएंगे, तब पूरे चारधाम यात्रा का कुल आंकड़ा 50 लाख से भी अधिक श्रद्धालुओं तक पहुंचने का अनुमान है। वर्तमान में 21 अप्रैल तक 49.30 लाख श्रद्धालुओं ने चारधाम के दर्शन किए हैं, जो इस वर्ष की यात्रा की भव्यता और श्रद्धा का प्रमाण है।
इस प्रकार चारधाम यात्रा का यह महाकुंभ अपने समापन की ओर बढ़ते हुए भी श्रद्धालुओं के हृदयों में धार्मिक आस्था और आध्यात्मिक ऊर्जा की एक अमिट छाप छोड़ता रहेगा।





