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चारधाम यात्रा में अब नहीं चलेगी मनमानी, वाहनों के लिए ग्रीन और ट्रिप कार्ड अनिवार्य, जानें नए नियम

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 29 मार्च
  • 3 मिनट पठन

Char Dham Yatra: अप्रैल से शुरू होने वाली चारधाम यात्रा के लिए उत्तराखंड सरकार ने तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया है। इस बार यात्रा को और अधिक सुव्यवस्थित और सुरक्षित बनाने के लिए परिवहन विभाग ने कई अहम बदलाव किए हैं। यात्रा पर जाने के लिए अब सबसे पहले ग्रीन कार्ड और फिर ट्रिप कार्ड बनवाना अनिवार्य होगा। बिना इन दोनों के किसी भी वाहन को यात्रा पर जाने की अनुमति नहीं मिलेगी।


ट्रिप कार्ड और ग्रीन कार्ड

राज्य के बाहर से आने वाले वाहनों के लिए ट्रिप कार्ड 10 दिनों के लिए वैध होगा, लेकिन इस दौरान एक वाहन किसी भी धाम का दूसरा फेरा नहीं लगा सकेगा। आरटीओ और चारधाम यात्रा के नोडल अधिकारी सुनील शर्मा के अनुसार, ग्रीन कार्ड के लिए आवेदन greencard.uk.gov.in पर ऑनलाइन किया जा सकता है। इस प्रक्रिया में वाहन और चेसिस नंबर डालने पर सभी दस्तावेज़ स्वतः ही अपलोड हो जाएंगे। उसके बाद शुल्क का भुगतान किया जाएगा – छोटे वाहनों के लिए 400 रुपये और बड़े वाहनों के लिए 600 रुपये शुल्क होगा, साथ ही यूजर चार्ज भी देना होगा। आवेदन पूरा होने के बाद ग्रीन कार्ड की पर्ची मिलेगी, जिसे परिवहन कार्यालय में दिखाने पर तकनीकी जांच के बाद ग्रीन कार्ड प्राप्त किया जा सकेगा।


सख्त वाहन मानक

इस साल यात्रा में जाने वाले वाहनों के लिए कड़े मानक निर्धारित किए गए हैं। जिन वाहनों की चौड़ाई 2.6 मीटर से अधिक होगी, उन्हें यात्रा की अनुमति नहीं मिलेगी। इसके अलावा, अगर वाहन के टायर का व्यास 173 इंच से अधिक होगा, तो भी वह यात्रा में शामिल नहीं हो सकेगा।


निशुल्क ट्रिप कार्ड

ग्रीन कार्ड बनने के बाद, greencard.uk.gov.in वेबसाइट पर ही निशुल्क ट्रिप कार्ड भी बनवाया जा सकेगा। इसके लिए चालक को बस अपना लाइसेंस नंबर और जन्मतिथि दर्ज करनी होगी, जबकि यात्रियों की जानकारी स्वचालित रूप से पर्यटन विभाग की वेबसाइट पर लॉगइन आईडी के जरिए दर्ज हो जाएगी।


चारधाम में चेकिंग

चारधाम यात्रा पर आने वाले वाहनों की चेकिंग प्रमुख स्थानों पर की जाएगी – ब्रह्मपुरी, भद्रकाली, कुठालगेट, और हरबर्टपुर कटापत्थर। यहां पर परिवहन विभाग के कर्मचारी वाहनों के ग्रीन और ट्रिप कार्ड के साथ-साथ यात्रियों की भी जांच करेंगे।


यात्री मोबाइल नंबर पर कर सकेंगे शिकायत

यात्रा के दौरान अगर कोई समस्या उत्पन्न होती है, तो यात्री एआरटीओ कार्यालय, जांच केंद्र के अलावा एक मोबाइल नंबर पर भी अपनी शिकायत दर्ज करवा सकेंगे। इसके अलावा, वाहन चालक या टूर ऑपरेटर की मनमानी की शिकायत भी इस नंबर पर की जा सकेगी। ओवररेटिंग रोकने के लिए विभाग द्वारा वाहनों का किराया भी तय किया गया है।


पंजीकरण अनिवार्य

चारधाम यात्रा पर आने के लिए तीर्थयात्रियों को पर्यटन विभाग की वेबसाइट पर पंजीकरण करना अनिवार्य होगा। यदि कोई टूर एंड ट्रैवल कंपनी बिना पंजीकरण के यात्रियों को यात्रा पर भेजती है, तो उसके खिलाफ धारा 193 के तहत कार्रवाई की जाएगी। केवल वही टूर ऑपरेटर यात्रा में आ सकेंगे, जिन्होंने परिवहन विभाग से लाइसेंस प्राप्त किया है। इस बीच, टूर कंपनियों को यह सलाह दी गई है कि वे अपने यात्रियों को यात्रा से पहले पंजीकरण के महत्व के बारे में पहले ही सूचित कर दें, ताकि कोई भी गलत जानकारी न हो।


बढ़ती तीर्थयात्रियों की संख्या

बीते साल लगभग 32 हजार वाहनों ने ग्रीन कार्ड बनवाए थे, और इस बार इस संख्या के 36 से 40 हजार के बीच पहुँचने की संभावना है। वहीं, तीर्थयात्रियों की संख्या 60 लाख तक पहुंच सकती है।


इस बार की यात्रा को व्यवस्थित और सुरक्षित बनाने के लिए सरकार ने तैयारियां पूरी कर ली हैं, और चारधाम यात्रा में जाने वाले हर वाहन और यात्री से अपेक्षाएँ हैं कि वे नियमों का पालन करेंगे।

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