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बादलों का कहर, गंगा नदी में उफान, उत्तराखंड में त्रासदी का साया मंडराया, प्रशासन अलर्ट

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 7 अग॰
  • 2 मिनट पठन
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ऋषिकेश: पहाड़ी राज्यों में मानसून का प्रकोप लगातार जारी है और राहत की उम्मीद नजर नहीं आ रही। मंगलवार को उत्तरकाशी के हर्षिल क्षेत्र में बादल फटने की भयावह घटना ने भागीरथी नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ा दिया है। वहीं, अलकनंदा नदी भी खतरे के निशान के बेहद करीब बह रही है, जिससे देवप्रयाग, ऋषिकेश और हरिद्वार जैसे निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा और गंभीर हो गया है। लगातार बढ़ते जलस्तर के कारण प्रदेश सरकार ने आपदा के मद्देनजर अलर्ट मोड जारी कर सभी सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं।


रेड अलर्ट के बीच पहाड़ों में भारी बारिश से हालात बिगड़े

मौसम विभाग ने उत्तराखंड के कई जिलों में भारी बारिश के कारण रेड अलर्ट जारी किया है। रुद्रप्रयाग जिले में अलकनंदा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जिसके कारण नदी के किनारे स्थित घाट और रास्ते जलमग्न हो चुके हैं। नदी के किनारे भगवान शिव की 15 फीट ऊंची प्रतिमा भी अब जल में डूबने लगी है, जो संकट की गंभीरता को दर्शाता है।


केदारनाथ यात्रा रोकने का फैसला

मंदाकिनी नदी के उफान के चलते रुद्रप्रयाग में सोनप्रयाग और गौरीकुंड के बीच मुख्य मोटर मार्ग मलबा और पत्थरों के गिरने से बंद हो गया है। इसी कारण केदारनाथ धाम की यात्रा को अग्रिम आदेश तक स्थगित कर दिया गया है। एसपी अक्षय प्रल्हाद कोंडे ने बताया कि श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्थानों पर ठहराया गया है और उनकी सुरक्षा के लिए प्रशासन पूरी सतर्कता बरत रहा है।


नदियों के किनारे जाने से किया जा रहा है मना

प्रशासन ने लोगों से विशेष अनुरोध किया है कि वे अलकनंदा और मंदाकिनी नदियों के किनारे जाने से बचें, क्योंकि जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और रास्तों पर पत्थर गिरने व भूस्खलन की आशंका बनी हुई है। जिले भर में पुलिस बल संवेदनशील स्थानों पर तैनात है और किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए पूरी तैयारी की गई है।


ऋषिकेश में गंगा नदी उफान पर

उत्तराखंड के मैदानी इलाकों में भी खतरा बढ़ता जा रहा है। ऋषिकेश में गंगा नदी चेतावनी रेखा को पार कर चुकी है और जलस्तर खतरे के निशान से मात्र 28 सेंटीमीटर नीचे बह रहा है। यदि बारिश का सिलसिला यूं ही बना रहा तो गंगा नदी खतरे के निशान को पार कर सकती है, जिससे आसपास के मैदानी इलाकों में बाढ़ की आशंका बढ़ जाएगी।

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