चमोली आपदा पर सीएम धामी के सख्त निर्देश, प्रभावितों को 5 लाख की राहत
- ANH News
- 24 अग॰
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अपडेट करने की तारीख: 25 अग॰

उत्तराखंड के चमोली जिले में शुक्रवार रात आई आपदा के बाद थराली क्षेत्र में तबाही के भयावह दृश्य सामने आए हैं। टुनरी गदेरे में आए मलबे के सैलाब ने थराली कस्बे के बाजार और रिहायशी इलाकों को तहस-नहस कर दिया। इस विनाशकारी आपदा के मद्देनज़र मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार रात राज्य आपदा परिचालन केंद्र से राहत कार्यों की समीक्षा करते हुए त्वरित और प्रभावी कार्रवाई के निर्देश जारी किए।
आपदा राहत के लिए मुख्यमंत्री के तात्कालिक निर्देश-
मुख्यमंत्री धामी ने जिलाधिकारी चमोली को स्पष्ट निर्देश दिए कि:
क्षतिग्रस्त मकानों के लिए तत्काल ₹5 लाख की सहायता राशि जारी की जाए।
मृतकों के परिजनों को भी ₹5 लाख की अनुग्रह राशि शीघ्र उपलब्ध कराई जाए।
बेघर हुए लोगों के लिए अस्थायी आवास की तत्काल व्यवस्था की जाए।
स्याना चट्टी से जल निकासी की व्यवस्था प्राथमिकता के आधार पर पूरी की जाए।
राहत शिविरों में मूलभूत सुविधाएं जैसे बिजली, पानी, सड़क और संचार व्यवस्था जल्द से जल्द बहाल की जाए।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रभावितों को राशन और राहत सामग्री एक साथ एवं उचित गुणवत्ता के साथ वितरित की जाए, ताकि किसी को भी दोहरी परेशानियों का सामना न करना पड़े।
प्रशासन और राहत टीमों के प्रयासों की सराहना-
मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी चमोली द्वारा त्वरित प्रतिक्रिया, मौके पर पहुंचकर प्रभावितों को तत्काल सहायता उपलब्ध कराने और बेहतर आपदा प्रबंधन के लिए विशेष रूप से सराहना की।
उन्होंने कहा कि,
"अन्य आपदा प्रभावित क्षेत्रों में भी इसी तरह का प्रभावी समन्वय और तत्परता सुनिश्चित की जाए।"
इसके अलावा, उन्होंने एसडीआरएफ और एनडीआरएफ द्वारा किए गए प्रभावशाली राहत एवं बचाव कार्यों की भी खुलकर प्रशंसा की।
ऑरेंज अलर्ट को लेकर सतर्कता के निर्देश-
राज्य में आगामी दो दिनों के लिए मौसम विभाग द्वारा जारी ऑरेंज अलर्ट को देखते हुए मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को अलर्ट मोड पर रहने और आपदा प्रबंधन सामग्री व उपकरणों को संवेदनशील क्षेत्रों में पूर्व-स्थित करने के निर्देश दिए।
थराली, सैजी और धराली जैसी आपदाओं के अध्ययन के लिए विशेषज्ञ समिति गठित
मुख्यमंत्री धामी ने चमोली (थराली), पौड़ी (सैजी) और उत्तरकाशी (धराली) में हाल ही में आई प्राकृतिक आपदाओं के पैटर्न और कारणों के वैज्ञानिक अध्ययन के लिए विशेषज्ञ समिति के गठन के निर्देश दिए हैं।
इस समिति में राज्य और केंद्र सरकार की प्रतिष्ठित एजेंसियों के वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों को शामिल किया जाएगा, जो आपदाओं के पीछे के कारणों, भूगर्भीय परिस्थितियों और जलवायु प्रभावों का गहन अध्ययन करेंगे। इस रिपोर्ट के आधार पर सरकार आगे की आपदा प्रबंधन नीति को सुदृढ़ और वैज्ञानिक रूप से मजबूत करेगी।
बैठक में मुख्य सचिव सहित वरिष्ठ प्रशासनिक और तकनीकी अधिकारी भी उपस्थित रहे।
थराली में आई भीषण आपदा ने राज्य सरकार को एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि पहाड़ों में आपदा प्रबंधन को और अधिक वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखने की जरूरत है। मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए तत्काल राहत और पुनर्वास निर्देश यह संकेत देते हैं कि सरकार, इस बार केवल प्रतिक्रिया नहीं बल्कि रोकथाम और तैयारी की दिशा में भी ठोस कदम उठाना चाहती है।





