‘लाल, हरी, नीली और पीली चादर बिछाकर जमीनों पर कब्जा नहीं...', लैंड जिहाद पर गरजे सीएम धामी
- ANH News
- 2 दिन पहले
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देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक बार फिर अपने सख्त रुख का इज़हार करते हुए साफ कहा है कि राज्य में धार्मिक प्रतीकों या आस्थाओं का सहारा लेकर सरकारी जमीनों पर कब्जा करने वालों के खिलाफ अभियान जारी रहेगा।
विधानसभा के विशेष सत्र में पूछे गए एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री धामी ने स्पष्ट किया कि उत्तराखंड सरकार पूरी तरह संविधान और कानून के दायरे में रहते हुए काम करती है, लेकिन जो लोग इस व्यवस्था को नकारकर अवैध तरीक़े से ज़मीनों पर कब्जा करने की कोशिश करते हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा चुकी है और आगे भी की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा, “जो लोग कानून की व्यवस्था को नहीं मानते, तरह-तरह के रंगों की चादर डालकर सरकारी जमीनों पर कब्जा करने की कोशिश करते हैं, उन्हें यह समझ लेना चाहिए कि उत्तराखंड में अब ऐसा नहीं चलेगा।”
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9000 एकड़ सरकारी ज़मीन कब्जे से मुक्त
सीएम धामी के नेतृत्व में सरकार ने बीते वर्षों में ‘लैंड जिहाद’ के खिलाफ सघन अभियान चलाया है। मुख्यमंत्री बनने के तुरंत बाद उन्होंने वन विभाग और सभी जिलों के प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में सरकारी जमीनों पर हुए अवैध कब्जों की पहचान करें और उन्हें मुक्त कराएं।
इस अभियान के परिणामस्वरूप अब तक 9,000 एकड़ से अधिक सरकारी भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त कराया जा चुका है।
राज्य भर में चलाए गए इस अभियान के दौरान 250 अवैध मदरसों और 500 से अधिक अन्य अनधिकृत इमारतों को या तो ध्वस्त किया गया या सील कर दिया गया है।
सरकार का दावा है कि यह कार्रवाई न केवल कानून व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक निर्णायक कदम है, बल्कि इससे राज्य की धार्मिक और सांस्कृतिक अस्मिता की रक्षा भी सुनिश्चित हुई है।
कानून व्यवस्था और जनविश्वास पर बल
मुख्यमंत्री धामी ने विधानसभा में अपने वक्तव्य में यह भी स्पष्ट किया कि सरकार आम जनता की समस्याओं के प्रति संवेदनशील है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को यह स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे हर नागरिक की जायज़ बात को गंभीरता से सुनें और उस पर त्वरित कार्रवाई करें।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में किसी निर्दोष को परेशान नहीं किया जाएगा, लेकिन जो लोग राज्य की भूमि या संसाधनों पर अवैध कब्जा करने की कोशिश करेंगे, उन्हें किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।
धामी सरकार का सख्त प्रशासनिक मॉडल और जनता का भरोसा
बीते दो कार्यकालों में भाजपा के लगातार सत्ता में आने के पीछे सीएम धामी की सख्त और निर्णायक नीति को प्रमुख कारणों में गिना जा रहा है। अवैध कब्जों पर कार्रवाई, कानून व्यवस्था को मज़बूती और प्रशासनिक जवाबदेही को लेकर उन्होंने राज्य में एक दृढ़ नेतृत्व की छवि बनाई है।
मुख्यमंत्री धामी ने राज्य की पहचान को संविधानसम्मत, धार्मिक रूप से सहिष्णु और सांस्कृतिक रूप से मज़बूत बनाए रखने की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) लागू करने का फैसला भी इसी सोच का हिस्सा है- ताकि उत्तराखंड की संस्कृति, परंपराओं और सामाजिक समरसता को किसी प्रकार का नुकसान न पहुंचे।
मुख्यमंत्री का संदेश
सीएम धामी ने कहा कि उत्तराखंड में विकास के साथ-साथ कानून व्यवस्था और नैतिक प्रशासन उनकी प्राथमिकता है। उन्होंने दोहराया कि राज्य में किसी भी प्रकार की अराजकता या अवैध कब्जे को “शून्य सहिष्णुता नीति” के तहत देखा जाएगा।
उन्होंने कहा, “हमारी सरकार का उद्देश्य स्पष्ट है- उत्तराखंड को एक सुरक्षित, स्वाभिमानी और सांस्कृतिक रूप से सशक्त राज्य बनाना। जो भी व्यक्ति कानून के खिलाफ जाकर सरकारी भूमि पर कब्जा करेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई पहले भी हुई है और आगे भी जारी रहेगी।”





