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बारिश ख़त्म होते ही मरम्मत और पुननिर्माण के कार्यों के लिए तैयार रहे प्रशासनिक मशीनरी: सीएम धामी

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 9 सित॰
  • 3 मिनट पठन

अपडेट करने की तारीख: 10 सित॰

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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को मुख्यमंत्री आवास में एक उच्चस्तरीय बैठक की, जिसमें शासन एवं पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ सभी जिलाधिकारियों ने वर्चुअल माध्यम से सहभागिता की। बैठक का उद्देश्य प्रदेश में आपदा प्रबंधन, कानून-व्यवस्था, पुनर्निर्माण कार्यों, पर्यटन सुविधाओं और जनहित से जुड़ी अन्य आवश्यक व्यवस्थाओं की गहन समीक्षा करना था। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर अधिकारियों को व्यापक दिशा-निर्देश देते हुए स्पष्ट किया कि उनकी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता जनता को त्वरित राहत, सुरक्षा और आवश्यक सुविधाएं प्रदान करना है।


मुख्यमंत्री धामी ने वर्षा ऋतु को ध्यान में रखते हुए अधिकारियों को निर्देशित किया कि राहत सामग्री और ड्राई राशन की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि आपदा की स्थिति में प्रभावित लोगों के ठहरने, भोजन और अन्य मूलभूत आवश्यकताओं की समुचित व्यवस्था पहले से ही कर ली जाए। फसलों, पेयजल लाइनों और सार्वजनिक संपत्तियों को हुए नुकसान का त्वरित मूल्यांकन कर उसकी रिपोर्ट शासन को भेजने के निर्देश भी दिए गए। उन्होंने खास तौर पर नदी-नालों के समीप निर्माण कार्यों पर लगाए गए प्रतिबंधों को कड़ाई से लागू करने का निर्देश दिया और कहा कि इन प्रतिबंधों की अनदेखी करने वाले अधिकारियों की जिम्मेदारी तय कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।


बैठक में मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को यह सुनिश्चित करने को कहा कि आपदा प्रभावितों को तय मानकों के अनुसार त्वरित आर्थिक सहायता मिले। उन्होंने स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर भी चिंता व्यक्त की और सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया कि वे अपने-अपने जिलों के अस्पतालों का नियमित निरीक्षण करें। डेंगू, मलेरिया और अन्य जलजनित बीमारियों से निपटने के लिए अस्पतालों में आवश्यक दवाओं, उपकरणों और स्वास्थ्यकर्मियों की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। इसके लिए सभी जिलों में शीघ्र स्वास्थ्य विभाग की बैठकें आयोजित करने के निर्देश भी दिए गए।


मुख्यमंत्री धामी ने कानून-व्यवस्था को लेकर भी अधिकारियों को सजग रहने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में शांति और सौहार्द बनाए रखने के लिए कानून व्यवस्था में बाधा डालने वाले तत्वों पर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए। इसके साथ ही अनधिकृत आधार कार्ड, वोटर आईडी और बिजली-पानी के कनेक्शन जारी करने वालों के खिलाफ नियमित कार्रवाई की जाए। बाहरी व्यक्तियों और संदिग्ध गतिविधियों पर विशेष नजर रखने की आवश्यकता पर बल देते हुए उन्होंने सीमावर्ती क्षेत्रों में चेकिंग और निगरानी बढ़ाने का निर्देश दिया।


मुख्यमंत्री ने गौवंश संरक्षण की दिशा में भी प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने निर्देश दिए कि चारधाम यात्रा को मानसून समाप्त होने के बाद पूरी सतर्कता और सुव्यवस्था के साथ संचालित किया जाए, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की कठिनाई न हो और उन्हें मौसम की जानकारी समय पर मिल सके।


मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को यह भी निर्देशित किया कि वे अपने-अपने जिलों में मुख्यमंत्री घोषणाओं और चालू विकास कार्यों की प्रगति रिपोर्ट आगामी 15 दिनों के भीतर मुख्यमंत्री कार्यालय को प्रेषित करें। उन्होंने ग्राम स्तर पर चौपाल कार्यक्रमों, जिलास्तरीय जनसुनवाई, तहसील दिवस, बीडीसी बैठकों और बहुद्देशीय शिविरों का नियमित आयोजन सुनिश्चित करने को कहा ताकि शासन और जनता के बीच संवाद मजबूत हो सके।


इस बैठक में आगामी "सेवा पखवाड़ा" कार्यक्रम की भी तैयारियों की समीक्षा की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिवस 17 सितंबर से लेकर गांधी जयंती 2 अक्टूबर तक चलने वाले सेवा पखवाड़ा कार्यक्रम की समुचित और विस्तृत योजना बनाई जाए। इस दौरान सेवा, स्वच्छता और जनसुविधा से संबंधित गतिविधियों को प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने जिलाधिकारियों से अपेक्षा की कि वे प्रत्येक सप्ताह एक दिन स्वच्छता अभियान में व्यक्तिगत रूप से भाग लें और अपने जिलों में नियमित रूप से स्वच्छता कार्यक्रम चलाएं। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत शीघ्र कराई जाए और गड्ढामुक्त सड़कों के लिए विशेष अभियान चलाया जाए।


मुख्यमंत्री ने "1905 सीएम हेल्पलाइन" और "1064 एंटी करप्शन कैंपेन" की निरंतर समीक्षा और प्रभावी क्रियान्वयन पर भी जोर दिया। आपदा प्रबंधन की चुनौतियों से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए डिजास्टर वॉलंटियर, संकट मोचन दल और जनपद स्तर पर मॉक ड्रिल आयोजित करने के निर्देश भी बैठक में दिए गए।


इस व्यापक बैठक के माध्यम से मुख्यमंत्री ने न केवल प्रदेश की वर्तमान चुनौतियों की समीक्षा की, बल्कि भविष्य की रणनीतियों को लेकर भी एक स्पष्ट और प्रभावशाली संदेश दिया कि राज्य सरकार जनता के हितों को सर्वोपरि रखते हुए सजग और सक्रिय रूप से कार्य कर रही है।

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