CM धामी ने वृद्धजन दिवस पर वरिष्ठ नागरिकों को किया सम्मानित, सुविधा की नई सौगात
- ANH News
- 2 अक्टू॰
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अंतरराष्ट्रीय वृद्धजन दिवस के अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को देहरादून स्थित हिमालयन सांस्कृतिक केंद्र, नींबूवाला में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में सहभागिता की। इस अवसर पर उन्होंने प्रदेशवासियों को वृद्धजन दिवस की शुभकामनाएं दीं और समाज में अनुभव, परंपरा और मार्गदर्शन का प्रतीक माने जाने वाले वरिष्ठ नागरिकों को सम्मानित किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने सभी उपस्थितजनों को "वरिष्ठ नागरिक सम्मान संकल्प" भी दिलाया, जिसमें बुजुर्गों के प्रति सम्मान, सेवा और संरक्षण की भावना को दृढ़ करने का आह्वान किया गया।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम स्थल पर "एक पेड़ मां के नाम" अभियान के अंतर्गत पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण और मातृ सम्मान का संदेश भी दिया। साथ ही, वरिष्ठ नागरिकों के लिए समर्पित एक निशुल्क एंबुलेंस वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया, जो बुजुर्गों को समय पर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने की दिशा में एक अहम कदम है। इसके अतिरिक्त, एक वॉकथन रैली का शुभारंभ भी उन्होंने किया, जो समाज में वरिष्ठ नागरिकों के प्रति जागरूकता और सम्मान की भावना को बढ़ावा देने का प्रतीक बनी।
मुख्यमंत्री धामी ने अपने संबोधन में कहा कि वरिष्ठ नागरिक हमारे समाज की आधारशिला हैं, जिनके अनुभव से समाज को दिशा और स्थायित्व मिलता है। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य और केंद्र सरकार बुजुर्गों के कल्याण के लिए अनेक योजनाएं संचालित कर रही हैं, जिनमें अटल वयोअभ्युदय योजना, प्रधानमंत्री वय वंदना योजना, राष्ट्रीय वयोश्री योजना तथा वृद्धावस्था पेंशन योजना प्रमुख हैं। उन्होंने यह जानकारी भी दी कि वर्तमान में राज्य के लगभग छह लाख वरिष्ठ नागरिकों को डीबीटी के माध्यम से नियमित रूप से पेंशन दी जा रही है, जिससे उन्हें आत्मनिर्भर जीवन जीने में सहायता मिल रही है।

मुख्यमंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि बागेश्वर, चमोली और उत्तरकाशी जिलों में वृद्धाश्रम संचालित हो रहे हैं, जबकि देहरादून, अल्मोड़ा और चंपावत में वृद्धाश्रमों के भवन निर्माण कार्य प्रगति पर हैं। रुद्रपुर में एक मॉडल वृद्धाश्रम का निर्माण किया जा रहा है और अन्य जिलों में भी इस दिशा में कार्य चल रहा है।
राज्य सरकार द्वारा जेरियाट्रिक केयर गिवर प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की गई है, जिसके अंतर्गत 150 प्रशिक्षित देखभालकर्ता तैयार किए जा रहे हैं, जो वृद्धजनों की विशेष जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सेवाएं प्रदान करेंगे। इसके अलावा, 1,300 वरिष्ठ नागरिकों की निशुल्क मोतियाबिंद सर्जरी की योजना भी प्रस्तावित है, जिससे उन्हें बेहतर दृष्टि और जीवन की गुणवत्ता मिल सकेगी।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य में वृद्धजनों के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु भरण-पोषण एवं कल्याण अधिनियम प्रभावी रूप से लागू है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि उन्हें उपेक्षा, शोषण या अकेलेपन का सामना न करना पड़े। यह कार्यक्रम न केवल सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, बल्कि समाज को भी यह संदेश देता है कि बुजुर्गों का सम्मान, सेवा और संरक्षण हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है।





