top of page

CM धामी ने रामपुर तिराहा शहीद स्थल पर दी श्रद्धांजलि, री-डेवलपमेंट की घोषणा

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 4 अक्टू॰
  • 3 मिनट पठन
ree

उत्तराखंड: 2 अक्टूबर 2025 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मुजफ्फरनगर (उत्तर प्रदेश) स्थित रामपुर तिराहा शहीद स्थल पर आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए उत्तराखंड राज्य आंदोलन के शहीदों को नमन किया। मुख्यमंत्री ने शहीद स्मारक पर पुष्पांजलि अर्पित कर आंदोलनकारियों के बलिदान को स्मरण किया और श्रद्धा सुमन अर्पित किए।


मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर घोषणा की कि शहीद स्थल का री-डेवलपमेंट मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा। स्मारक स्थल पर एक भव्य संग्रहालय, एक कैंटीन, और उत्तराखंड की बसों के लिए स्टॉपेज की व्यवस्था की जाएगी, जिससे यह स्थल भावी पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का केंद्र बने और राज्य आंदोलन के इतिहास को सजीव रूप में प्रस्तुत कर सके।


मुख्यमंत्री ने रामपुर तिराहा गोलीकांड को उत्तराखंड राज्य आंदोलन का सबसे क्रूर और अमानवीय अध्याय बताया। उन्होंने कहा कि 2 अक्टूबर 1994 को शांतिपूर्ण आंदोलन पर हुई बर्बर गोलीबारी और महिलाओं पर हुए अत्याचार आज भी प्रत्येक उत्तराखंडी के मन को झकझोर देते हैं। यह दिन हमें हमेशा याद दिलाता रहेगा कि उत्तराखंड की नींव हमारे शहीदों के लहू से सींची गई है।

ree

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि आंदोलनकारियों के त्याग, तपस्या और बलिदान के कारण ही उत्तराखंड को अलग राज्य का दर्जा प्राप्त हुआ। राज्य सरकार शहीदों के सपनों का उत्तराखंड बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी क्रम में राज्य सरकार द्वारा आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही हैं।


इन योजनाओं में चिन्हित राज्य आंदोलनकारियों के लिए 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण, शहीद परिवारों को 3000 रुपये प्रतिमाह पेंशन, घायल और जेल गए आंदोलनकारियों को 6000 रुपये प्रतिमाह, और सक्रिय आंदोलनकारियों को 4500 रुपये प्रतिमाह पेंशन शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, सरकारी बसों में निःशुल्क यात्रा, पहचान पत्र जारी करने, तथा 93 आंदोलनकारियों को सरकारी सेवा में नियुक्त करने जैसे महत्वपूर्ण कदम भी उठाए गए हैं।

ree

मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड राज्य आंदोलन में महिलाओं की भूमिका को अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि राज्य सरकार ने उन्हें सम्मान देते हुए 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था सरकारी नौकरियों में लागू की है। रामपुर गोलीकांड के समय स्थानीय लोगों द्वारा आंदोलनकारियों की सहायता को स्थायी बनाने हेतु रामपुर, सिसौना, मेघपुर और बागोंवाली में जनमिलन केंद्र स्थापित किए गए हैं। साथ ही, जिनकी भूमि पर शहीद स्मारक बना, उस स्वर्गीय महावीर शर्मा की स्मृति में उनकी प्रतिमा भी स्थापित की गई है।


मुख्यमंत्री ने आगे राज्य सरकार की प्रमुख उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए बताया कि उत्तराखंड ऐसा पहला राज्य है जहां समान नागरिक संहिता (UCC) लागू की गई है, जिससे सभी नागरिकों को समान अधिकार और कर्तव्य प्राप्त होंगे। सख्त नकल विरोधी कानून लागू होने के परिणामस्वरूप विगत चार वर्षों में 24,000 से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी मिली है।


सरकार ने राज्य की जनसांख्यिकी संरचना को सुरक्षित रखने, धर्मांतरण पर रोक, और अवैध अतिक्रमण पर कार्रवाई को लेकर भी कठोर कदम उठाए हैं। दंगारोधी कानून को सशक्त बनाया गया है, वहीं मदरसा बोर्ड समाप्त करने का निर्णय लेते हुए 1 जुलाई 2026 से केवल वे ही मदरसे संचालित किए जा सकेंगे जो सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त पाठ्यक्रम पढ़ाएंगे।


राज्य में सनातन संस्कृति को बदनाम करने वालों के विरुद्ध 'ऑपरेशन कालनेमि' के अंतर्गत लगातार सख्त कार्रवाई जारी है।


इस अवसर पर उत्तराखंड के पर्यटन मंत्री श्री सतपाल महाराज, उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री श्री अनिल कुमार, पूर्व सांसद श्री सजीव बालियान, विधायकगण श्री प्रदीप बत्रा, श्री उमेश कुमार, श्री विरेंद्र जाति, दर्जाधारी प्रतिनिधि श्रीमती मधु भट्ट, श्री राजेंद्र अंथवाल, श्री शोभाराम प्रजापति, सचिव श्री युगल किशोर पंत, जिलाधिकारी हरिद्वार श्री मयूर दीक्षित, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री प्रमेन्द्र डोभाल, राज्य आंदोलनकारी एवं अन्य गणमान्यजन उपस्थित रहे।


कार्यक्रम शहीदों की स्मृति में भावपूर्ण वातावरण और उत्तराखंड की आत्मा से जुड़े संकल्पों के साथ सम्पन्न हुआ।

bottom of page