पंचायत चुनाव हिंसा पर सख्त सीएम धामी, मजिस्ट्रेट जांच और पुलिस अफसरों का तबादला
- ANH News
- 20 अग॰
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अपडेट करने की तारीख: 21 अग॰

उत्तराखंड के नैनीताल और बेतालघाट क्षेत्रों में हाल ही में सम्पन्न पंचायत चुनावों के दौरान हुई गोलीबारी और अन्य हिंसक घटनाओं को राज्य सरकार ने अत्यंत गंभीरता से लिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इन घटनाओं पर कठोर रुख अपनाते हुए विस्तृत मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिए हैं।
साथ ही, कानून-व्यवस्था की स्थिति को लेकर लापरवाही बरतने वाले दो पुलिस अधिकारियों का तत्काल प्रभाव से जिले से बाहर तबादला करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि इन घटनाओं की विस्तृत मजिस्ट्रेट जांच कुमाऊं मंडल के आयुक्त द्वारा की जाएगी। जांच की रिपोर्ट 15 दिनों के भीतर शासन को सौंपने के निर्देश भी आयुक्त को दे दिए गए हैं।
दो वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का तबादला:
घटनाओं की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री ने भवाली क्षेत्र के पुलिस क्षेत्राधिकारी तथा तल्लीताल थाना प्रभारी का तत्काल प्रभाव से नैनीताल जिले से बाहर स्थानांतरण करने के निर्देश जारी किए हैं। यह कदम पुलिस प्रशासन की जवाबदेही तय करने और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के उद्देश्य से उठाया गया है।
सीबी-सीआईडी करेगी प्राथमिकियों की जांच:
मुख्यमंत्री धामी ने यह भी कहा कि चुनावों के दौरान दर्ज की गई प्राथमिकियों की गहन जांच अब राज्य की क्राइम ब्रांच (सीबी-सीआईडी) द्वारा की जाएगी। उन्होंने दोहराया कि राज्य सरकार कानून-व्यवस्था से किसी भी सूरत में समझौता नहीं करेगी और दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। दोषियों के विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
हाईकोर्ट की फटकार के बाद सख्ती:
यह सभी निर्णय उत्तराखंड उच्च न्यायालय की कड़ी टिप्पणी और आदेश के बाद लिए गए हैं। उच्च न्यायालय ने नैनीताल जिला पंचायत चुनाव के दौरान हुई हिंसक घटनाओं और "गन कल्चर" पर स्वतः संज्ञान लेते हुए चिंता व्यक्त की थी। जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने इन घटनाओं को "विचलित करने वाला" बताया और प्रदेश में बढ़ते हथियारों के उपयोग पर कड़ा ऐतराज जताया।
कोर्ट ने राज्य के गृह सचिव और पुलिस महानिदेशक को 22 अगस्त को स्वयं अदालत में उपस्थित होकर स्थिति स्पष्ट करने के आदेश दिए हैं। अदालत ने स्पष्ट कहा कि हथियारों के दुरुपयोग और असलहों की संस्कृति से सख्ती से निपटने की आवश्यकता है, और राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि "गन कल्चर" पूरी तरह समाप्त हो।





