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सैनिक परिवारों के लिए धामी सरकार की बड़ी सौगात- सम्मान, सहायता और सुविधाओं की झड़ी

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 23 घंटे पहले
  • 4 मिनट पठन
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उत्तराखंड। उत्तराखंड राज्य स्थापना की रजत जयंती के शुभ अवसर पर गुरुवार को हल्द्वानी स्थित एम.बी. इंटर कॉलेज के विशाल मैदान में एक भव्य पूर्व सैनिक सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पूर्व सैनिकों और वीर नारियों के सम्मान में कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ करते हुए कहा कि उत्तराखंड की पहचान केवल देवभूमि के रूप में नहीं, बल्कि "वीरभूमि" के रूप में भी है।


कार्यक्रम का शुभारंभ राष्ट्रगान और सेना के बैंड द्वारा प्रस्तुत देशभक्ति गीतों से हुआ। मंच पर पहुंचने से पूर्व मुख्यमंत्री धामी ने वीर नारियों के चरणों में शीश झुकाकर आशीर्वाद लिया। बेटियों ने पारंपरिक छोलिया नृत्य प्रस्तुत किया, जिससे पूरा वातावरण देशभक्ति की भावना से सराबोर हो उठा।


मुख्यमंत्री की महत्वपूर्ण घोषणाएँ : सैनिकों के सम्मान में अनेक नई सौगातें

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मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड के सैनिकों ने सदैव देश की सीमाओं की रक्षा में अग्रणी भूमिका निभाई है। राज्य की भाजपा सरकार का उद्देश्य सैनिकों, पूर्व सैनिकों और उनके परिजनों के कल्याण के लिए ठोस कदम उठाना है। इसी क्रम में उन्होंने निम्नलिखित घोषणाएँ कीं-


संस्थागत और वित्तीय सुधार

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सैनिक कल्याण बोर्ड का पुनर्गठन किया जाएगा, जिससे पूर्व सैनिकों की समस्याओं का शीघ्र समाधान हो सके।

अल्मोड़ा, पौड़ी और हल्द्वानी में जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास कार्यालय के लिए नए भवनों और आवासों का निर्माण किया जाएगा।

हल्द्वानी में 150 छात्रों की क्षमता वाला पूर्व सैनिकों के बच्चों हेतु हॉस्टल बनाया जाएगा।


सम्मान और आर्थिक सहायता

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वीरता पुरस्कारों की राशि में बड़ा इजाफा

परमवीर चक्र विजेता को ₹1.5 करोड़

शौर्य चक्र विजेता को ₹25 लाख (पहले ₹15 लाख)

सेना मेडल विजेता को ₹15 लाख (पहले ₹7 लाख)

मेंशन पुरस्कार विजेता को ₹10 लाख (पहले ₹3.5 लाख)

शहीद सैनिक के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी।

सैनिक की विधवा या निशक्त पूर्व सैनिक को दो लाख रुपये की आवासीय सहायता प्रदान की जाएगी।

पूर्व सैनिक की मृत्यु पर अंतिम यात्रा सम्मानपूर्वक निकाली जाएगी और ₹10,000 की आर्थिक सहायता दी जाएगी।


रोजगार व संपत्ति संबंधी रियायतें

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सरकारी नौकरी में आवेदन करने वाले पूर्व सैनिक व उनके आश्रितों के लिए अधिकतम आयु सीमा में पाँच वर्ष की छूट (पहले दो वर्ष)।

उपनल (उत्तराखंड पूर्व सैनिक कल्याण निगम) में अब 50% भर्ती पूर्व सैनिकों से की जाएगी।

25 लाख रुपये तक की संपत्ति खरीदने पर 25% स्टांप ड्यूटी की छूट सैनिकों, पूर्व सैनिकों व उनके परिवार को मिलेगी।


वीरता पुरस्कार व अनुग्रह राशि में बढ़ोतरी

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-वीरता पुरस्कार प्राप्त सैनिकों के सम्मान को और ऊँचा करने हेतु अनुग्रह राशि ₹10 लाख से बढ़ाकर ₹50 लाख कर दी गई है।

-मुख्यमंत्री ने बताया कि यह कदम सैनिकों के योगदान के प्रति राज्य सरकार की गहरी कृतज्ञता का प्रतीक है।



“सैनिक कभी पूर्व नहीं होता, वह सदैव अभूतपूर्व रहता है”- सीएम धामी

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री धामी ने भावनात्मक स्वर में कहा-

“सैनिक कभी भी पूर्व या भूतपूर्व नहीं होता, वह आजीवन सैनिक रहता है- और अभूतपूर्व होता है। उत्तराखंड की यह धरती वीरों की है, जहाँ एक माँ अपने बेटे के बलिदान पर गर्व महसूस करती है और पिता गर्व से सीना चौड़ा करता है।”


उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार सैनिकों, वीर नारियों और उनके परिजनों के हित में निरंतर कार्य कर रही है। राज्य आंदोलन में भी पूर्व सैनिकों की भूमिका अविस्मरणीय रही है।


“भारत अब रक्षा सामग्री का निर्यातक देश”

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सीएम धामी ने कहा कि कभी भारत रक्षा सामग्री का आयात करता था, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अब भारत ब्रहमोस, आकाश जैसी अत्याधुनिक मिसाइलें स्वयं बना रहा है और अन्य देशों को निर्यात भी कर रहा है। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत की मिसाइलों ने दुश्मन के मंसूबों को तबाह कर दिया- यह आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।


राजनीतिक प्रहार- “राहुल गांधी के नेतृत्व में ही बनेगा कांग्रेस मुक्त भारत”

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मुख्यमंत्री धामी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी अब विदेशी शक्तियों के साथ मिलकर राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में संलिप्त है। उन्होंने व्यंग्यात्मक रूप से राहुल गांधी को “शहजादा” कहते हुए कहा -

“राहुल गांधी की ही नेतृत्व में भारत वास्तव में कांग्रेस मुक्त बनेगा, क्योंकि अब देश कांग्रेस की राजनीति से ऊब चुका है।”


वीर नारियों और पूर्व सैनिकों की भावनाएँ

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सम्मेलन में उपस्थित वीर नारियों और पूर्व सैनिकों ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि यह आयोजन उनके लिए भावनात्मक पुनर्मिलन जैसा है-

हयात सिंह भाकुनी, पूर्व सैनिक- “पुराने साथियों से मिलकर पुरानी यादें ताजा हो गईं। सरकार की पहल सराहनीय है।”

सूबेदार मेजर मोहन चंद्र जोशी- “सीएम धामी स्वयं सैनिक परिवार से हैं, उनके आने से हमारा मनोबल बढ़ा है।”

रमा भंडारी, वीर नारी- “पति 1997 में शहीद हुए थे, अब बेटा सेना में है। शहीदों की याद में गाँवों में भी कुछ आयोजन होने चाहिए।”

गीता बिष्ट, वीर नारी- “सरकार वीर नारियों के लिए सुविधाएँ और बढ़ाए, ताकि हमारे बलिदान को और सम्मान मिले।”


समापन : शौर्य, श्रद्धा और संकल्प का संगम

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“गौरवशाली अतीत, सशक्त वर्तमान, सुनहरा भविष्य” थीम पर आधारित यह पूर्व सैनिक सम्मेलन न केवल वीरता का सम्मान था, बल्कि राज्य के प्रति कृतज्ञता की अभिव्यक्ति भी।

मुख्यमंत्री ने कहा

“सैनिक ही इस 25 वर्ष की यात्रा के सच्चे रक्षक हैं। हमारी पहचान, हमारी प्रतिष्ठा, सैनिकों की वीरता और समर्पण में ही निहित है।”

कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान और ‘भारत माता की जय’ के गगनभेदी नारों के साथ हुआ।

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