उत्तराखंड सरकार ने इन दो कफ सिरप की बिक्री पर लगाया प्रतिबंध, 49 सैंपल जांच के लिए भेजे
- ANH News
- 7 अक्टू॰
- 2 मिनट पठन

देश के विभिन्न हिस्सों में कफ सिरप से बच्चों की मौत की लगातार बढ़ती घटनाओं ने चिंता और हड़कंप मचा दिया है। हाल ही में मध्य प्रदेश में दो और बच्चों की मौत की खबर सामने आने के बाद स्थिति और गंभीर हो गई है। इस खतरे को देखते हुए उत्तराखंड सरकार ने बच्चों की खांसी के लिए उपयोग होने वाले कफ सिरप कोल्ड्रिफ और डेक्सट्रोमेथोरफेन हाइड्रोब्रोमाइड की प्रदेश भर में बिक्री पर तत्काल रोक लगा दी है। इसके साथ ही विभिन्न मेडिकल स्टोर्स और अस्पतालों में छापेमारी कर कुल 49 सैंपल जांच के लिए लैब में भेजे गए हैं।
मध्य प्रदेश और राजस्थान में कफ सिरप से बच्चों की मौत की खबरों के बाद केंद्र सरकार ने भी इस संदर्भ में एक एडवाइजरी जारी की थी। इस एडवाइजरी में दो साल से कम उम्र के बच्चों को कफ सिरप न देने और चार साल से कम उम्र के बच्चों के मामलों में विशेष सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए थे। उत्तराखंड सरकार ने भी शनिवार को इसी दिशा में कदम उठाते हुए अपने स्तर पर एक एडवाइजरी जारी की। इसके बाद अब तमिलनाडु और राजस्थान में निर्मित कोल्ड्रिफ और डेक्सट्रोमेथोरफेन हाइड्रोब्रोमाइड सिरप की बिक्री पर रोक लगाकर इसे कड़ाई से लागू करना शुरू कर दिया है।
ड्रग कंट्रोलर ने बताया कि राज्य के सभी जिलों के ड्रग इंस्पेक्टरों को आदेश दिए गए हैं कि वे संबंधित दवाओं को मेडिकल स्टोर्स से जब्त कर सील कर दें। सील की गई दवाओं को वापस कंपनियों से मंगाने का भी निर्देश दिया गया है। स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा कि इस मामले में एफडीए को सख्त निगरानी के आदेश दिए गए हैं ताकि प्रतिबंधित दवाएं बाजार में न बिकें और आम जनता की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
उपायुक्त ने बताया कि राज्य में छापेमारी अभियान जारी है और अब तक कफ सिरप बनाने वाली कंपनियों की फैक्ट्रियों, मेडिकल स्टोर्स और सरकारी अस्पतालों से 49 सैंपल लेकर उनकी जांच कराई जा चुकी है। सुरक्षा के लिहाज से बड़ों के उपयोग में आने वाले कफ सिरप की भी जांच की जा रही है ताकि किसी भी प्रकार की मिलावट या अवैध दवा का पता लगाया जा सके। इस अभियान के तहत सभी कंपनियों के कफ सिरप की गुणवत्ता और सुरक्षा का परीक्षण किया जा रहा है, ताकि बच्चों और अन्य मरीजों की जान बचाई जा सके।





