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मसूरी स्कूल में छात्र की डूबने से मौत, बाल आयोग ने उठाए गंभीर सवाल, गहन जांच के आदेश

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 19 मार्च
  • 2 मिनट पठन



मसूरी के वाइनबर्ग एलन स्कूल में हुए एक दुखद हादसे में एक छात्र की स्वीमिंग पूल में डूबने से मौत हो गई। इस घटना के बाद उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने गंभीर सवाल उठाए हैं और पूरी घटना पर गहन जांच के आदेश दिए हैं। आयोग ने देहरादून के जिला अधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, मुख्य चिकित्सा अधिकारी और शिक्षा अधिकारी को मामले की जांच करने के लिए आदेश दिए हैं।


आयोग की अध्यक्ष, डॉ. गीता खन्ना ने इस मामले में स्कूल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि घटना के कारणों का गहराई से आकलन किया जाएगा। उन्होंने देहरादून के मुख्य चिकित्सा अधिकारी को एक विशेष मेडिकल टीम गठित करने का निर्देश दिया है, जो यह जांच करेगी कि स्कूल के अंदर बच्चें के डूबने के पीछे क्या कारण थे, क्या सुरक्षा मानक पूरे किए गए थे, लाइफ गार्ड्स और सुरक्षा कर्मियों की तैनाती ठीक थी, और क्या हादसे के बाद प्राथमिक उपचार की व्यवस्था ठीक थी। इसके साथ ही अस्पताल में बच्चे को समय पर ऑक्सीजन और लाइफ सपोर्ट जैसी आवश्यक सुविधाओं की उपलब्धता का भी आकलन किया जाएगा। आयोग ने सभी संबंधित अधिकारियों से विस्तृत रिपोर्ट की मांग की है।


इसके अतिरिक्त आयोग ने यह सवाल भी उठाया कि 15 मार्च को पर्वतीय होली के सार्वजनिक अवकाश के बावजूद स्कूल क्यों खुला था। साथ ही, यह भी पूछा कि क्या इस दिन स्कूल को बंद कराने के लिए सरकारी अधिकारियों को हस्तक्षेप करना पड़ा था।


आयोग ने जिन सवालों को उठाया:

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-स्कूल में सुरक्षा मानकों का पालन क्यों नहीं किया गया?

-क्या स्कूल में पर्याप्त प्रशिक्षित लाइफ गार्ड्स और सुरक्षा कर्मी मौजूद थे?

-क्या बच्चे को समय पर प्रशिक्षित कर्मचारियों द्वारा सीपीआर दिया गया?

-मुख्यमंत्री के आदेश के बावजूद 15 मार्च को स्कूल क्यों खुला?

-अस्पताल में बच्चे को उचित उपचार समय पर मिल पाया?



पूर्व घटनाओं से सबक नहीं लिया गया: डॉ. गीता खन्ना ने इस घटना पर चिंता जताते हुए कहा कि पहले भी स्कूलों में बच्चों के प्राथमिक उपचार के उपकरण और साधनों की कमी पाई गई है। यह घटना पिछले साल हल्द्वानी के एक स्कूल के छात्र की बरेली के पार्क में डूबने से हुई मौत की याद दिलाती है। उस घटना के बाद आयोग ने शिक्षा और पर्यटन विभागों को निर्देश दिया था कि सभी एडवेंचर स्पोर्ट्स पार्क और स्कूलों में कम से कम 30% कर्मचारियों को सीपीआर प्रशिक्षण दिया जाए, ताकि दुर्घटना की स्थिति में वे तुरंत उपचार प्रदान कर सकें। अब यह सवाल उठता है कि क्या वाइनबर्ग एलन स्कूल में इस दिशा में कोई कदम उठाए गए थे या नहीं, और क्या इसके लिए दिए गए निर्देशों का पालन हुआ था।


यह घटना स्कूलों में सुरक्षा और प्राथमिक उपचार सुविधाओं के महत्व को फिर से रेखांकित करती है, और यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।

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