उत्तराखंड में बनेगी 'खेलभूमि': आठ शहरों में खुलेंगी 23 खेल अकादमियां, हल्द्वानी में राज्य का पहला खेल विश्वविद्यालय
- ANH News
- 20 घंटे पहले
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देहरादून: उत्तराखंड को ‘देवभूमि’ के साथ अब ‘खेलभूमि’ के रूप में स्थापित करने की दिशा में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जल्द ही एक ‘स्पोर्ट्स लेगेसी प्लान’ लागू करेगी, जिसके अंतर्गत प्रदेश के आठ प्रमुख शहरों में 23 खेल अकादमियों की स्थापना की जाएगी। इसके साथ ही हल्द्वानी में उत्तराखंड का पहला खेल विश्वविद्यालय और लोहाघाट में एक विशेष महिला स्पोर्ट्स कॉलेज की स्थापना की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने यह घोषणाएं “एशियन सब-जूनियर, जूनियर मैन एंड वूमेन कप एवं एशियन यूनिवर्सिटी कप पॉवरलिफ्टिंग प्रतियोगिता 2025” के शुभारंभ अवसर पर की। यह अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता 5 से 12 मई तक होटल हयात सेंट्रिक, देहरादून में आयोजित की जा रही है, जिसमें एशिया के 16 देशों से 300 से अधिक खिलाड़ी प्रतिभाग कर रहे हैं।
खेल संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए सरकार के प्रयास
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार खेल प्रतिभाओं को उभारने के लिए विभिन्न योजनाएं चला रही है, जिनमें प्रमुख हैं:
मुख्यमंत्री खेल विकास निधि
मुख्यमंत्री खिलाड़ी प्रोत्साहन योजना
मुख्यमंत्री उदीयमान खिलाड़ी योजना
खेल किट वितरण योजना
इसके अतिरिक्त राज्य सरकार ने 'उत्तराखंड खेल रत्न पुरस्कार' और 'हिमालय खेल रत्न पुरस्कार' की शुरुआत कर खिलाड़ियों की उत्कृष्टता को मान्यता दी है। साथ ही 4% खेल कोटा को पुनः लागू करते हुए खिलाड़ियों को 'आउट ऑफ टर्न सरकारी नौकरी' भी दी जा रही है।
खेल अवसंरचना में ऐतिहासिक निवेश
मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि हाल ही में राज्य में संपन्न 38वें राष्ट्रीय खेलों के सफल आयोजन ने उत्तराखंड को खेलों के मानचित्र पर एक महत्वपूर्ण पहचान दी है।
राज्य में अब तक ₹517 करोड़ की लागत से अत्याधुनिक स्टेडियम और ₹100 करोड़ की लागत से अंतरराष्ट्रीय स्तर के खेल उपकरण खरीदे गए हैं।
इसका परिणाम है कि अब उत्तराखंड न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के आयोजन का भी एक उभरता केंद्र बन चुका है।
खेलों से जुड़े सांस्कृतिक मूल्यों पर भी दिया बल
सीएम धामी ने अपने संबोधन में कहा कि भारत की प्राचीन परंपराओं में शारीरिक शक्ति और कौशल का विशेष स्थान रहा है।
"मुगदर, गदा, हल जैसी पारंपरिक विधियों से प्रेरित आज की पावरलिफ्टिंग केवल प्रतियोगिता नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक विरासत का आधुनिक रूप है।"
उन्होंने कहा कि पावरलिफ्टिंग जैसे खेल युवाओं को अनुशासन, आत्मविश्वास और मानसिक सशक्तता सिखाते हैं, जो उन्हें जीवन के हर क्षेत्र में सशक्त बनाते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व की सराहना
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में "खेलो इंडिया" और "फिट इंडिया मूवमेंट" जैसे अभियानों की भी सराहना की और कहा कि
"आज भारत वैश्विक खेल मंच पर अपने प्रदर्शन से न केवल पदक जीत रहा है, बल्कि खेल संस्कृति को भी पुनर्परिभाषित कर रहा है। उत्तराखंड सरकार इसी मार्ग पर चलते हुए राज्य में खेलों को जीवनशैली और संस्कृति का हिस्सा बना रही है।"
उपस्थित अतिथिगण और अंतरराष्ट्रीय सहभागिता
इस प्रतियोगिता के उद्घाटन अवसर पर खेल मंत्री रेखा आर्या, विधायक खजान दास, विशेष प्रमुख सचिव अमित सिन्हा, अपर सचिव प्रशांत आर्य सहित बड़ी संख्या में अंतरराष्ट्रीय पावरलिफ्टर्स और खेल संघों के प्रतिनिधि मौजूद थे।
उत्तराखंड अब केवल प्राकृतिक सौंदर्य और तीर्थ स्थलों के लिए नहीं, बल्कि खेल प्रतिभाओं की धरती के रूप में भी नई पहचान बना रहा है। आने वाले वर्षों में राज्य का खेल अवसंरचना, प्रशिक्षण और नीतिगत समर्थन उत्तराखंड को राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय खेल मानचित्र पर शीर्ष पर ले जाने में सहायक सिद्ध हो सकता है।