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साइबर ठगों का बड़ा जाल उजागर, फर्जी निवेश से लाखों की ठगी, 2 गिरफ्तार

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 31 अग॰
  • 2 मिनट पठन

अपडेट करने की तारीख: 1 सित॰

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देहरादून। उत्तराखंड एसटीएफ की साइबर क्राइम टीम ने करोड़ों की साइबर ठगी का खुलासा करते हुए दो शातिर ठगों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने नकली निवेश प्लेटफॉर्म बनाकर लोगों को उच्च लाभ का लालच देकर लाखों रुपये हड़पे। पुलिस के अनुसार, इस साइबर फ्रॉड में अब तक ₹66,21,000 की ठगी सामने आई है।


इस तरह रची गई थी ठगी की साजिश:-

आरोपियों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर "CryptoPromarkets" नाम से एक फर्जी इन्वेस्टमेंट लिंक और विज्ञापन प्रसारित किया। इसमें दावा किया गया कि इसमें निवेश करने से भारी मुनाफा मिलेगा। इस लालच में आकर एक पीड़ित ने रजिस्ट्रेशन किया।


इसके बाद खुद को प्रिया, रमेश कुमार, शरद वोहरा और विक्की मल्होत्रा के नाम से पेश करने वाले लोगों ने अलग-अलग मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी से पीड़ित से संपर्क किया। उन्होंने स्वयं को कंपनी के अधिकृत अधिकारी और कर्मचारी बताया और पीड़ित का विश्वास जीत लिया।


निवेश का लालच देकर ₹66 लाख की ठगी:-

आरोपियों ने जुलाई 2025 की शुरुआत से 29 जुलाई 2025 के बीच पीड़ित से अलग-अलग बैंक खातों में कुल ₹66.21 लाख की रकम निवेश के रूप में जमा करवा ली। उन्होंने भरोसा दिलाया कि निवेश पर जल्द ही बड़ा लाभ मिलेगा।


लेकिन जब लाभांश देने की बारी आई तो आरोपियों ने बहाने बनाना शुरू कर दिया और धीरे-धीरे पीड़ित से संपर्क तोड़ दिया। इस पर पीड़ित को ठगी का संदेह हुआ और उसने साइबर पुलिस से शिकायत की।


गिरफ्तारी और खुलासे:-

जांच के दौरान साइबर पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया:

  1. नितिन गौर (34 वर्ष), निवासी मकान संख्या 26, गली नंबर-8, सदरपुर, सेक्टर-45, नोएडा

  2. निक्कू बाबू (29 वर्ष), निवासी मकान संख्या 465, गली नंबर-15, सदरपुर, सेक्टर-45, नोएडा


इन दोनों आरोपियों ने ठगी को अंजाम देने के लिए एनजी ट्रेडर्स नाम से एक फर्जी कंपनी बनाई थी। इस कंपनी के नाम पर फर्जी बैंक खाते खुलवाए गए और CUG (Closed User Group) मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल किया गया ताकि पीड़ितों को भ्रमित किया जा सके।


अंतरराष्ट्रीय लिंक और कई बैंक खातों का उपयोग:-

एसटीएफ के मुताबिक, गिरफ्तार आरोपियों का संपर्क विदेश में बैठे साइबर अपराधियों से भी था। देशभर में इनके नाम से 18 से 20 चालू बैंक खातों का इस्तेमाल ठगी के लिए किया गया। यह पूरा नेटवर्क योजनाबद्ध तरीके से लोगों को धोखा देने के लिए तैयार किया गया था।


एसटीएफ की कार्रवाई सराहनीय:-

उत्तराखंड एसटीएफ की साइबर टीम की इस कार्रवाई को बड़ी सफलता माना जा रहा है, क्योंकि इससे न सिर्फ लाखों की ठगी का पर्दाफाश हुआ, बल्कि एक संगठित साइबर गैंग का भंडाफोड़ भी हो पाया है। पुलिस अब इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों और खातों की भी जांच कर रही है।

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