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CharDham Yatra में पहली बार PG डॉक्टरों की तैनाती, यात्रा में स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए देशभर कई चिकित्सक आगे आये

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 15 अप्रैल
  • 2 मिनट पठन

चारधाम यात्रा में पहली बार पीजी डॉक्टरों की तैनाती को मंजूरी मिलने से तीर्थयात्रियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलने की संभावना है। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) की घोषणा के बाद अब देशभर के मेडिकल कॉलेजों से पीजी डॉक्टर यात्रा में स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए संपर्क कर रहे हैं। इससे चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को विशेषज्ञ डॉक्टरों की सेवाएं आसानी से उपलब्ध होंगी, जो यात्रा के दौरान किसी भी स्वास्थ्य समस्या से निपटने में मदद करेंगी।


पीजी डॉक्टरों के लिए एक सुनहरा अवसर

पीजी डॉक्टरों के लिए यह एक बेहतरीन अवसर है, क्योंकि एमडी, एमएस और डीएनबी के पोस्ट-ग्रेजुएट डॉक्टर अब चारधाम यात्रा में सेवा देने के बाद डिस्ट्रिक्ट रेजीडेंसी प्रोग्राम (डीआरपी) प्रमाणपत्र प्राप्त कर सकेंगे। एनएमसी ने स्पष्ट किया है कि यात्रा के दौरान दी गई सेवाएं क्लीनिकल रोटेशन या डीआरपी के तहत मान्य होंगी, जिसका मतलब यह है कि डॉक्टरों को इसके लिए अलग से तीन माह की ट्रेनिंग नहीं करनी पड़ेगी।


विशेषज्ञ सेवाओं से होगा यात्रा का अनुभव बेहतर

यह निर्णय न केवल डॉक्टरों के लिए एक मूल्यवान अनुभव होगा, बल्कि तीर्थयात्रियों के लिए भी फायदेमंद साबित होगा। राज्य सरकार ने चारधाम यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए एनएमसी से पीजी डॉक्टरों की स्वैच्छिक तैनाती की अनुमति मांगी थी, जो अब मंजूर हो चुकी है। इसके बाद, देशभर के मेडिकल कॉलेजों से पीजी डॉक्टर यात्रा के दौरान स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए तैयार हो रहे हैं।


प्रशिक्षण और अनुभव का मिलेगा अद्भुत अवसर

स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि "पीजी डॉक्टरों की यात्रा में तैनाती के निर्णय से तीर्थयात्रियों को विशेषज्ञ सेवाएं मिलेगी। इसके अलावा, प्रशिक्षु डॉक्टरों को उच्च हिमालयी चिकित्सा और आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने का व्यावहारिक अनुभव भी मिलेगा, जो उनके पेशेवर विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।"


चारधाम यात्रा जैसे कठिन और संवेदनशील क्षेत्र में डॉक्टरों को अनुभव मिलने से उनकी चिकित्सा क्षमताओं में भी वृद्धि होगी। इसके साथ ही यात्रा पर आए तीर्थयात्रियों को स्वास्थ्य संबंधित किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने में विशेषज्ञ मदद मिलेगी, जिससे यात्रा का अनुभव और भी सुरक्षित और आरामदायक बनेगा।


चिकित्सा सेवाओं के स्तर में सुधार

चारधाम यात्रा में पीजी डॉक्टरों की तैनाती से चिकित्सा सेवाओं का स्तर भी बेहतर होगा, खासकर ऐसे स्थानों पर जहां चिकित्सा सुविधाएं सीमित होती हैं। यह कदम न केवल तीर्थयात्रियों के लिए, बल्कि डॉक्टरों के लिए भी एक शानदार अवसर होगा, क्योंकि उन्हें उच्च हिमालयी क्षेत्र में कार्य करने का अनुभव प्राप्त होगा, जो चिकित्सा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कौशल माना जाता है।


इस निर्णय से न केवल स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा, बल्कि यह यात्रा के दौरान डॉक्टरों के पेशेवर विकास का भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।

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