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धूल और धुंध पर नियंत्रण के लिए PCB का ड्रोन प्लान, कृषि विभाग भी देगा सहयोग

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 17 अक्टू॰
  • 2 मिनट पठन
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उत्तराखंड: सर्दियों के दौरान धुंध की समस्या एक आम और गंभीर चिंता बन जाती है, जो न केवल दृश्यता को प्रभावित करती है बल्कि स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव डालती है। इस समस्या से निपटने के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) ने एक आधुनिक और प्रभावी कदम उठाया है। पीसीबी अब ड्रोन के माध्यम से पानी का छिड़काव करेगा, जिससे हवा में मौजूद धूल और प्रदूषित कणों को कम करने में मदद मिलेगी। इस पहल में कृषि विभाग का भी सहयोग लिया जाएगा ताकि प्रयास और अधिक प्रभावी और समन्वित तरीके से किए जा सकें।


पिछले वर्ष सर्दियों में देहरादून में बढ़ी हुई धुंध की समस्या को देखते हुए पीसीबी ने ड्रोन से पानी का छिड़काव करने का सफल प्रयोग किया था। उस सफल अभियान के अनुभव के आधार पर अब इस बार कई अन्य शहरों में भी इसी तर्ज पर ड्रोन के माध्यम से पानी का छिड़काव करने की तैयारी की जा रही है। पीसीबी के सदस्य सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते ने बताया कि जहां भी धुंध और धूल की समस्या अधिक होती है, वहां ड्रोन की मदद से पानी का छिड़काव किया जाएगा ताकि वायु गुणवत्ता को सुधारा जा सके।


इस बार देहरादून के अलावा हल्द्वानी, रुद्रपुर, काशीपुर, हरिद्वार समेत अन्य प्रमुख शहरों में भी इस तकनीकी प्रयास को लागू किया जाएगा। इसके लिए केवल सरकारी संसाधनों पर निर्भर नहीं रहेंगे, बल्कि निजी क्षेत्र से भी ड्रोन मंगाए जाएंगे, जिससे पानी छिड़काव का काम तेजी और प्रभावी ढंग से पूरा हो सके। एक ड्रोन एक बार में लगभग दस लीटर पानी ले जा सकता है, जिससे बड़ी मात्रा में पानी का छिड़काव किया जा सकेगा और धूल कणों को नीचे गिराया जा सकेगा।


साथ ही, पीसीबी ने दिवाली के दौरान बढ़े हुए प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए हवा की गुणवत्ता की निगरानी भी शुरू कर दी है। इससे प्रदूषण के स्तर को लगातार ट्रैक किया जाएगा और आवश्यक कदम समय पर उठाए जा सकेंगे। इस तरह की योजनाओं से उम्मीद की जा रही है कि सर्दियों में धुंध और प्रदूषण की समस्या को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी और जनता को स्वच्छ और सुरक्षित वातावरण प्रदान किया जा सकेगा।

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