पूर्व सैनिक परिवारों के बच्चों को NDA-CDS की तैयारी में मिलेगी आर्थिक सहूलियत
- ANH News
- 30 सित॰
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उत्तराखंड सरकार पूर्व सैनिकों के परिवारों के लिए एक बड़ी पहल की तैयारी में है। अब उन युवाओं को, जो एनडीए (राष्ट्रीय रक्षा अकादमी) और सीडीएस (संयुक्त रक्षा सेवा) जैसी परीक्षाओं की तैयारी करना चाहते हैं, उपनल (उत्तराखंड पूर्व सैनिक कल्याण निगम लिमिटेड) के माध्यम से कोचिंग फीस में 50 फीसदी या उससे अधिक की छूट दी जाएगी। इस योजना का उद्देश्य है कि पूर्व सैनिकों के सपनों को उनके बच्चे आगे बढ़ाकर पूरा कर सकें और देश की सेवा में अफसर के रूप में शामिल हों, लेकिन आर्थिक सीमाओं के कारण पीछे न रहें।
सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने इस प्रस्ताव को अमल में लाने के लिए उपनल के प्रबंध निदेशक को आवश्यक निर्देश दे दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि कई योग्य छात्र महंगी कोचिंग फीस के कारण एनडीए और सीडीएस जैसी प्रतिष्ठित परीक्षाओं की तैयारी से वंचित रह जाते हैं, जबकि उनमें देश की सेना में अफसर बनने की तीव्र इच्छा और क्षमता होती है। ऐसे में यह योजना उनके लिए एक नई राह खोलने का कार्य करेगी।
बैठक में यह तय किया गया कि कुल कोचिंग फीस का 50 फीसदी हिस्सा उपनल वहन करेगा, जबकि 25 फीसदी की अतिरिक्त छूट के लिए निजी कोचिंग संस्थानों से बातचीत की जाएगी। शेष 25 फीसदी फीस अभ्यर्थियों को स्वयं वहन करनी होगी। मंत्री ने बताया कि इस उद्देश्य को लेकर राज्य में कई प्रमुख कोचिंग संस्थानों से बातचीत हो चुकी है और वे इस सामाजिक दायित्व के तहत सहयोग देने के लिए तैयार हैं। प्रस्ताव तैयार होते ही योजना को शीघ्र क्रियान्वित किया जाएगा।
बैठक में सैनिक कल्याण मंत्री ने निर्माणाधीन सैन्यधाम के निरीक्षण और सुधारात्मक सुझावों के लिए पूर्व सैन्य अधिकारियों से भी अपील की। इस पर अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि वे मंगलवार को सैन्यधाम का दौरा कर निरीक्षण करेंगे और जरूरी सुझाव सरकार को सौंपेंगे।
बैठक में पूर्व सेना अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल ए.के. सिंह, मेजर जनरल ओ.पी. सभरवाल, मेजर जनरल सम्मी सभरवाल, मेजर जनरल ए.एस. रावत, मेजर जनरल पी.एस. राणा, मेजर जनरल डी. अग्निहोत्री और उपनल के प्रबंध निदेशक ब्रिगेडियर जे.एन.एस. बिष्ट समेत अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
यह पहल न सिर्फ पूर्व सैनिकों के प्रति सरकार की संवेदनशीलता को दर्शाती है, बल्कि युवाओं को सेना में अफसर बनने के लिए आर्थिक सहयोग प्रदान कर देश के लिए समर्पित नेतृत्व तैयार करने की दिशा में एक ठोस कदम है।





