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Uttarakhand में बारिश का कहर, मकान-दुकान जमींदोज, हेलिकॉप्टर से पहुंचाई जा रही राहत सामग्री

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 31 अग॰
  • 2 मिनट पठन

अपडेट करने की तारीख: 1 सित॰

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रुद्रप्रयाग। उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में भारी बारिश और भूस्खलन ने तबाही मचा दी है। जिले के बसुकेदार उप तहसील और जखोली ब्लॉक के कई क्षेत्र प्राकृतिक आपदा की चपेट में आ गए हैं। पूर्वी बांगर के प्रमुख पड़ाव छेनागाड़ में देर रात हुए भीषण भूस्खलन के कारण 15 से अधिक दुकानें और मकान मलबे में दबकर चकनाचूर हो गए, जबकि 8 लोग चंदन नदी में बह गए।


भूस्खलन ने छीन ली ज़िंदगियाँ:

गुरुवार रात से शुरू हुई बारिश शुक्रवार तड़के तक तेज़ होती गई। जानकारी के अनुसार, रात करीब 3:00 से 3:45 बजे के बीच तेज मूसलाधार बारिश के कारण छेनागाड़ में अचानक भारी भूस्खलन हो गया। मलबे का सैलाब इतनी तेजी से आया कि वहां मौजूद मकान, दुकानें और लोग संभल भी नहीं पाए।


भूस्खलन में बहने वालों में शामिल हैं:

चार नेपाली मजदूर

दो दुकानदार: सते सिंह नेगी और नीरज

वन विभाग के दो कर्मचारी: कुलदीप सिंह नेगी और राज बुगाना


इन सभी के चंदन नदी में बह जाने की पुष्टि हुई है। राहत व बचाव दल की टीमों द्वारा सर्च ऑपरेशन जारी है, लेकिन दुर्गम और क्षतिग्रस्त रास्तों के कारण कार्य में कठिनाई आ रही है।


हेलिकॉप्टर से भेजा जा रहा राहत सामग्री:

अगस्त्यमुनि से हेलिकॉप्टर के माध्यम से अति दुर्गम और संपर्क से कटे क्षेत्रों में राशन और राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है। कई गांवों का संपर्क मार्ग टूट गया है, जिससे जमीनी राहत पहुंचाना मुश्किल हो गया है। प्रशासन ने वायु मार्ग से आवश्यक सामग्री पहुंचाने का निर्णय लिया है।


जखोली ब्लॉक में मकान ढहा, महिला की मौत:

जखोली ब्लॉक की ग्राम पंचायत ललूड़ी के टेंडवाल गांव में एक मकान भारी बारिश की वजह से ढह गया, जिसमें एक महिला की मलबे में दबकर मौत हो गई। मृतका की पहचान अभी सार्वजनिक नहीं की गई है।


वहीं, बसुकेदार क्षेत्र के अन्य कई गांवों में अतिवृष्टि के कारण व्यापक क्षति हुई है। खेत, घर, मवेशी और पैदल मार्ग सब कुछ इस आपदा की चपेट में आ गए हैं।


सड़कें और पैदल मार्ग ध्वस्त, राहत कार्य प्रभावित:

भारी बारिश के चलते कई सड़कें, पुल और पैदल मार्ग पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए हैं। इस कारण न केवल राहत और बचाव कार्य प्रभावित हो रहे हैं, बल्कि गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क भी टूट गया है। स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन बल लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं, लेकिन भौगोलिक स्थितियां राहत कार्यों में बड़ी चुनौती बनी हुई हैं।


प्रशासन की अपील: अफवाहों से बचें, प्रशासनिक दिशा-निर्देशों का पालन करें

-प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें। -ज़रूरतमंदों तक राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है और प्रभावित क्षेत्रों में टीमें सक्रिय हैं।

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