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उत्तराखंड बॉर्डर पर मिलावटखोरी रोकने के लिए कड़ी चौकसी, 24 घंटे चल रही विशेष निगरानी

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 18 अक्टू॰
  • 2 मिनट पठन
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खाद्य संरक्षा एवं औषधि नियंत्रण विभाग ने प्रदेश में मिलावटखोरी पर नकेल कसने के लिए अभियान को और सख्ती से लागू करना शुरू कर दिया है। दीपावली जैसे बड़े पर्व को ध्यान में रखते हुए मिलावटी खाद्य पदार्थों और निम्न गुणवत्ता की दवाइयों की बिक्री को रोकने के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में चौकसी को तेज़ कर दिया गया है। विशेष रूप से देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर और नैनीताल जिलों में सतर्कता बढ़ा दी गई है, जहां खाद्य पदार्थों की बाहरी आपूर्ति की संभावना अधिक रहती है।


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के स्पष्ट निर्देशों के बाद प्रदेशभर में मिलावट के खिलाफ एक व्यापक अभियान चलाया जा रहा है। सचिव स्वास्थ्य एवं आयुक्त, खाद्य संरक्षा व औषधि प्रशासन विभाग डॉ. आर. राजेश कुमार के नेतृत्व में छापामारी की कार्रवाइयाँ लगातार की जा रही हैं। खासकर पर्व के समय अन्य राज्यों से उत्तराखंड में प्रवेश करने वाले मावा, मिठाई और डेयरी उत्पादों पर विशेष नजर रखी जा रही है, ताकि त्योहारों के दौरान लोगों को शुद्ध और सुरक्षित खाद्य सामग्री मिल सके।


इसी क्रम में बृहस्पतिवार को अमानतगढ़ पुलिस चौकी क्षेत्र में खाद्य संरक्षा विभाग और स्थानीय पुलिस की संयुक्त टीम ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। मुजफ्फरनगर से देहरादून की ओर आ रहे एक वाहन को रोककर जांच की गई, जिसमें लगभग 10 क्विंटल मावा बरामद हुआ। मावा में मिलावट की आशंका जताते हुए उसके नमूने लेकर उन्हें परीक्षण के लिए रुद्रपुर स्थित राज्य प्रयोगशाला भेजा गया है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, यह मावा देहरादून के हनुमान चौक क्षेत्र में सप्लाई किया जाना था।


वाहन चालक आरिफ पुत्र मोहम्मद नईम के साथ मावा के मालिक छुट्टन लाल और प्रमोद कुमार, निवासी मुजफ्फरनगर से पूछताछ की जा रही है। खाद्य सुरक्षा से जुड़े अधिकारियों का मानना है कि पर्व के समय मिलावटखोरी अपने चरम पर होती है और यह कार्रवाई उसी पर रोक लगाने की दिशा में एक अहम कदम है।


इस पूरी छापामारी कार्रवाई में खाद्य संरक्षा विभाग के उपायुक्त आर.एस. रावत, सहायक आयुक्त हरिद्वार एम.एन. जोशी, वरिष्ठ खाद्य सुरक्षा अधिकारी दिलीप जैन समेत अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। विभाग का कहना है कि दीपावली तक पूरे प्रदेश में एक विशेष निगरानी दल ‘स्पेशल टास्क फोर्स’ की तर्ज पर गठित किया गया है, जो नियमित रूप से मिलावट की आशंका वाले क्षेत्रों में जांच करेगा।


राज्य सरकार का यह अभियान न केवल उपभोक्ताओं को सुरक्षित खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराने की दिशा में एक अहम प्रयास है, बल्कि मिलावटखोरों के लिए स्पष्ट चेतावनी भी है कि अब किसी भी प्रकार की लापरवाही या गैरकानूनी गतिविधि बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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