पहले चरण के पंचायत चुनाव शांतिपूर्ण, पुलिस रही सतर्क, युवा से लेकर बुजुर्गों तक में दिखा उत्साह
- ANH News
- 25 जुल॰
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उत्तराखंड: त्रिस्तरी पंचायत चुनाव के लिए जिले में पहले चरण के मतदान 78.49 प्रतिशत हुआ।
बता दे की देहरादून जिले के विकास नगर कसी एवं चकराता में गुरुवार को त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के पहले चरण की वोटिंग प्रक्रिया सुबह 8:00 बजे शुरू हो गई। कई मतदान केंद्रों पर रात्रि 8:30 बजे तक मतदान का सिलसिला चलता रहा।
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को शांतिपूर्ण और निष्पक्ष रूप से संपन्न कराने के लिए पुलिस प्रशासन ने व्यापक सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की है। देहरादून जिले के तीन ब्लॉक—कालसी, चकराता और विकासनगर—जहां चुनाव हो रहे हैं, उन्हें सुरक्षा की दृष्टि से चार सुपर जोन, 14 जोन और 49 सेक्टर में विभाजित किया गया है।
SSP अजय सिंह के निर्देश पर तीनों ब्लॉकों के सभी थाना क्षेत्रों में पुलिस बल द्वारा फ्लैग मार्च किया गया। इस दौरान आम जनता से निर्भय होकर मतदान में भाग लेने की अपील की गई। एसएसपी ने स्पष्ट किया कि आचार संहिता का सख्ती से पालन कराया जाएगा और किसी भी प्रकार की अराजकता फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
SP देहात जया बलोनी ने चुनाव ड्यूटी में तैनात पुलिसकर्मियों को निष्पक्षता और सजगता के साथ कर्तव्यों का पालन करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि:
सभी पुलिसकर्मी अपने ड्यूटी संबंधी दिशा-निर्देशों को ठीक से समझें और अपने पर्यवेक्षण अधिकारी का मोबाइल नंबर अनिवार्य रूप से साथ रखें।
मतदान केंद्रों के 100 मीटर के दायरे में किसी भी राजनीतिक दल का प्रचार चिह्न, पोस्टर या ध्वनि विस्तारक यंत्रों (लाउडस्पीकर आदि) का उपयोग नहीं किया जाएगा।
मतदान केंद्र में केवल मतदाता और पूर्व से अधिकृत व्यक्ति को ही प्रवेश की अनुमति दी जाएगी।
पुलिसकर्मी मतदान स्थल के भीतर केवल पीठासीन अधिकारी के बुलाने पर ही प्रवेश करेंगे।
मतदान की समय सीमा समाप्त होने के बाद किसी भी व्यक्ति को केंद्र में प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
पोलिंग बूथ के अंदर मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति नहीं होगी।
किसी भी तरह की अव्यवस्था या अप्रिय घटना की स्थिति में शीघ्र उच्च अधिकारियों को सूचित करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
इसके अतिरिक्त, बुधवार शाम 5 बजे से तीनों ब्लॉकों में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 163 को लागू कर दिया गया है, जिससे संवेदनशील क्षेत्रों में कानून-व्यवस्था बनाए रखी जा सके।
पुलिस को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्र में स्थित होटल, ढाबों और धर्मशालाओं की गहन चेकिंग करें, ताकि कोई संदिग्ध बाहरी व्यक्ति अनावश्यक रूप से वहां न ठहरा हो। इसके साथ ही अंतरराज्यीय और अंतरजनपदीय सीमाओं पर बैरियर लगाकर वाहनों की सघन जांच भी सुनिश्चित की जा रही है।
इस कड़े और सुनियोजित सुरक्षा प्रबंधन का उद्देश्य यह है कि मतदान प्रक्रिया न केवल शांतिपूर्ण रहे, बल्कि हर मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग निर्भीक और निष्पक्ष वातावरण में कर सके।





