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पूर्व मंत्री ने सीवर कार्यों को समय पर पूरा करने के दिए निर्देश

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 2 अक्टू॰
  • 2 मिनट पठन
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पूर्व मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने मंगलवार को बैराज कैंप कार्यालय में सीवर परियोजना निदेशक एस.के. वर्मा के साथ बैठक कर ऋषिकेश नगर और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में प्रस्तावित सीवर परियोजना की प्रगति और कार्य योजना की विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि सीवर से संबंधित समस्त कार्य निर्धारित समय सीमा के भीतर और उच्च गुणवत्ता के साथ पूरे किए जाएं, ताकि क्षेत्र की जनता को शीघ्र लाभ मिल सके और गंगा नदी को प्रदूषण से मुक्त रखने के प्रयासों को बल मिले।


बैठक के दौरान परियोजना निदेशक ने "गंगा बेसिन राज्यों में पर्यावरण अनुकूल शहरी विकास कार्यक्रम" के अंतर्गत प्रस्तावित कार्यों का विस्तृत नक्शा एवं योजना पूर्व मंत्री के समक्ष प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों को कवर करने के उद्देश्य से व्यापक योजना तैयार की गई है। शहरी क्षेत्र में 60.11 किलोमीटर लंबी सीवर लाइन बिछाने का प्रस्ताव है, जिसकी अनुमानित लागत लगभग 119.45 करोड़ रुपये आंकी गई है। वहीं, खदरी जैसे ग्रामीण क्षेत्रों में 79.89 किलोमीटर सीवर लाइन डाली जाएगी, जिस पर लगभग 138.13 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। इन योजनाओं का उद्देश्य न केवल जल निकासी को व्यवस्थित करना है, बल्कि गंगा की स्वच्छता और पारिस्थितिकी को सुरक्षित बनाए रखना भी है।


पूर्व मंत्री ने परियोजना की बारीकियों को गंभीरता से समझते हुए अधिकारियों से प्रत्येक चरण की प्रगति रिपोर्ट प्राप्त की। उन्होंने विशेष रूप से दूसरे चरण में प्रस्तावित कार्यों की स्थिति पर गहन चर्चा की और यह सुनिश्चित करने को कहा कि हर गतिविधि में पारदर्शिता और गुणवत्ता बनी रहे। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि जिन क्षेत्रों में सीवर कार्य पूर्ण हो चुके हैं, वहां की क्षतिग्रस्त सड़कों का मरम्मत कार्य शीघ्र शुरू कर उच्च गुणवत्ता के साथ पूरा किया जाए, ताकि आम जन को असुविधा न हो।


पूर्व मंत्री ने कहा कि यह सीवर परियोजना ऋषिकेश क्षेत्र के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसके माध्यम से न केवल स्वास्थ्य और स्वच्छता की स्थिति में सुधार होगा, बल्कि गंगा संरक्षण के प्रयासों को भी मजबूती मिलेगी। उन्होंने विश्वास जताया कि परियोजना के सफल क्रियान्वयन से स्थानीय जनता को दीर्घकालिक लाभ मिलेगा और क्षेत्र का समग्र विकास सुनिश्चित होगा।

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