CM पुष्कर सिंह धामी ने की गोवर्धन पूजा, प्रदेश के लिए की सुख-समृद्धि की कामना
- ANH News
- 24 अक्टू॰
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देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित गौशाला में गोवर्धन पूजा के पावन अवसर पर गौ माता की पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की खुशहाली, समृद्धि और जनकल्याण की कामना की। पूजा-अर्चना के दौरान उन्होंने पारंपरिक विधि-विधान से पूजा कर गौमाता के चरणों में पुष्प अर्पित किए और सभी नागरिकों से गायों की सेवा एवं संरक्षण में सहभागी बनने का आह्वान किया।
मुख्यमंत्री धामी ने इस अवसर पर कहा कि गोवर्धन पूजा केवल धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि यह प्रकृति संरक्षण, पर्यावरण संतुलन और जीवों के प्रति करुणा का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि यह पर्व मनुष्यों और पशुओं के बीच प्रेम एवं सह-अस्तित्व की भावना को प्रकट करता है। गोवर्धन पूजा हमें यह संदेश देती है कि मनुष्य और प्रकृति एक-दूसरे के पूरक हैं, और दोनों का संरक्षण ही जीवन का आधार है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिंदू धर्म में गाय को माता का दर्जा दिया गया है। गौमाता सनातन संस्कृति, कृषि परंपरा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था का अभिन्न हिस्सा हैं। उन्होंने कहा कि गाय की सेवा और संरक्षण न केवल धार्मिक कर्तव्य है, बल्कि यह आजीविका, आत्मनिर्भरता और ग्रामीण समृद्धि से भी गहराई से जुड़ा हुआ है। आज भी अनेक परिवारों की आजीविका गौ पालन और गो-सेवा पर आधारित है।
गौ-संवर्धन और संरक्षण के लिए सरकार की पहल:
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य सरकार निराश्रित गोवंश की देखभाल और गौ-संवर्धन को लेकर लगातार कार्य कर रही है। सरकार का लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी गोवंश सड़कों पर या असुरक्षित परिस्थितियों में न रहे। उन्होंने बताया कि पहले जहां निराश्रित पशुओं के भरण-पोषण के लिए मात्र पाँच रुपये प्रति पशु प्रतिदिन का प्रावधान था, वहीं अब इस राशि को बढ़ाकर 80 रुपये प्रति पशु प्रतिदिन कर दिया गया है। यह निर्णय राज्य सरकार की गौ कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि निजी स्तर पर गौशालाओं के निर्माण को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार ने 60 प्रतिशत तक की सब्सिडी देने का प्रावधान किया है। वर्तमान में प्रदेशभर में 54 गौ सदनों का निर्माण कार्य प्रगति पर है। उन्होंने कहा कि सरकार भविष्य में भी गौ-संवर्धन और गौ-संरक्षण की दिशा में योजनाबद्ध ढंग से कार्य करती रहेगी ताकि गायों को सम्मान और सुरक्षा दोनों मिल सके।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर प्रदेशवासियों से अपील की कि वे सभी गौ सेवा और संरक्षण को सामाजिक जिम्मेदारी के रूप में अपनाएँ। उन्होंने कहा कि गौमाता की सेवा से समाज में सकारात्मक ऊर्जा, समृद्धि और शांति का संचार होता है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा, “गौ माता केवल आस्था का प्रतीक नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति और अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। जब हम उनकी सेवा करते हैं, तो वास्तव में हम अपने जीवन के मूल्यों और परंपराओं की रक्षा करते हैं।”





