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UKSSSC भर्ती परीक्षा: जैमर से लेकर बायोमीट्रिक तक, हर व्यवस्था पर होगी सख्त नजर

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 15 अक्टू॰
  • 2 मिनट पठन
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उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) अब अपनी आगामी भर्ती परीक्षाओं को पूरी तरह पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए किसी भी स्तर पर कोई चूक नहीं चाहता। इसी उद्देश्य से आयोग ने एक व्यापक मास्टर प्लान तैयार किया है, जिसमें परीक्षा केंद्रों की सुरक्षा से लेकर तकनीकी उपकरणों की विश्वसनीयता तक हर पहलू को शामिल किया गया है।


हाल ही में हुई स्नातक स्तरीय परीक्षा में जैमर ठीक से काम न करने का मुद्दा सामने आया था। खासतौर पर 4G जैमर द्वारा 5G नेटवर्क को ब्लॉक न कर पाने की समस्या को लेकर व्यापक सवाल उठे। इस खामी को गंभीरता से लेते हुए आयोग ने तय किया है कि आगामी परीक्षाओं में जैमर की कार्यक्षमता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी। इसी सिलसिले में 27 और 28 अक्टूबर को आयोग एक अहम बैठक आयोजित करने जा रहा है, जिसमें जैमर सप्लाई करने वाली सरकारी कंपनी ECIL और बायोमीट्रिक मशीन उपलब्ध कराने वाली एजेंसी के अधिकारियों के साथ तकनीकी समीक्षा की जाएगी। बैठक में पिछली परीक्षाओं में आई तकनीकी और व्यवस्थागत खामियों पर भी चर्चा होगी, ताकि भविष्य में ऐसी कोई स्थिति न दोहराई जाए।


आयोग अब परीक्षा से एक दिन पहले ही परीक्षा केंद्रों पर सुरक्षा तैनाती सुनिश्चित करेगा। परीक्षा की पूर्व संध्या पर ही सुरक्षाकर्मी केंद्र पर पहुंचेंगे और जैमर का ट्रायल किया जाएगा। अगर किसी जैमर में कोई कमी पाई जाती है, तो उसे तुरंत बदला जाएगा। इसकी ज़िम्मेदारी सेक्टर मजिस्ट्रेट, केंद्र समन्वयक और पर्यवेक्षक की होगी और वे अपनी रिपोर्ट परीक्षा से पहले आयोग को सौंपेंगे।


इसके साथ ही अब परीक्षा केंद्र पर सभी औपचारिकताएं—जैसे चेकिंग, बायोमीट्रिक उपस्थिति और पहचान सत्यापन—प्रवेश द्वार पर ही पूरी की जाएंगी। अभ्यर्थी और केंद्र पर्यवेक्षक के अलावा किसी भी अनधिकृत व्यक्ति को भीतर प्रवेश नहीं मिलेगा। यदि किसी को विशेष परिस्थिति में प्रवेश की आवश्यकता होगी, तो आते-जाते उसकी कड़ी जांच की जाएगी।


परीक्षा की पारदर्शिता को और मज़बूती देने के लिए आयोग ने इस बार समूह-ग की भर्ती परीक्षाओं का लाइव टेलीकास्ट करने का भी फैसला लिया है। इसका नियंत्रण आयोग के देहरादून स्थित मुख्यालय में बने विशेष कंट्रोल रूम से किया जाएगा। हर परीक्षा केंद्र की निगरानी इस कंट्रोल रूम से की जाएगी ताकि किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत कार्रवाई की जा सके।


आयोग ने दो पालियों में परीक्षा कराने की अफवाहों का भी खंडन किया है। अध्यक्ष जी.एस. मर्तोलिया ने स्पष्ट किया है कि सभी परीक्षाएं सिर्फ एक ही पाली में कराई जाएंगी ताकि प्रश्नपत्र लीक जैसी संभावनाओं को जड़ से खत्म किया जा सके।


यूकेएसएसएससी का यह नया मास्टर प्लान यह संकेत देता है कि आयोग अब किसी भी तरह की लापरवाही के लिए बिल्कुल तैयार नहीं है और वह हर स्तर पर परीक्षा को पारदर्शी, सुरक्षित और निष्पक्ष बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

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