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गुप्त नवरात्रि में बन रहा दुर्लभ योग, इन उपायों से बदल सकती है आपकी किस्मत, बस करने ये 9 उपाय

  • लेखक की तस्वीर: ANH News
    ANH News
  • 25 जून
  • 2 मिनट पठन

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गुप्त नवरात्रि श्रावण मास से पहले आषाढ़ मास में मनायी जाती है। इसमें सामान्य नवरात्रि की तरह घटस्थापना नहीं की जाती, परंतु इन नौ रात्रियों में मां काली के नौ गूढ़ रूपों की साधना, मंत्रजप और दुर्गा सप्तशती का पाठ करने का अत्यधिक महत्व है। इन दिनों ग्रह-तत्त्वों की स्थिति साधना के लिए अत्यधिक अनुकूल होती है, जिसके कारण तांत्रिक विधियां व सात्विक उपाय दोनों ही शुभ होते हैं।


ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स के अनुसार प्रत्येक रात्रि में विशेष उपायों का संयोजन आपके जीवन में आध्यात्मिक, मानसिक और भौतिक समृद्धि लाता है।


पहला दिन – मां काली

उपाय:


मां काली को गाय के दूध से बनी खीर या सफेद मिष्ठान अर्पित करें।


घर में अखंड दीप जलाएं जो नौ दिनों तक प्रज्जवलित रहे।


लाभ:


शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।


मानसिक अशांतियाँ और भय दूर होते हैं।


दूसरा दिन – मां तारा

उपाय:


मां दुर्गा के चरणों में कमल का फूल अर्पित करें।


प्रतिदिन 7 लौंग अर्पित करें।


लाभ:


धन-आय में वृद्धि होती है।


व्यापारिक बाधाएं दूर होती हैं।


तीसरा दिन – मां त्रिपुरसुंदरी

उपाय:


घी में कमलगट्टे भिगोकर हवन करें।


साथ में दुर्गा सप्तशती का पाठ करते हुए आहुति दें।


लाभ:


ऋण और कर्ज की स्थिति से राहत मिलती है।


वित्तीय तनाव समाप्त होते हैं।


चौथा दिन – मां भुवनेश्वरी

उपाय:


21 तुलसी पत्ते गंगाजल से शुद्ध कर मां को अर्पित करें।


मंत्र का जाप करें: “ॐ नमो भगवती विष्णुप्रियायै नमः”।


नवरात्रि के अंत में इन पत्तों को लाल कपड़े में लपेटकर धनराशि या तिजोरी में रखें।


लाभ:


धन की सुरक्षा होती है।


आर्थिक स्थिरता बनती है।


पांचवां दिन – मां छिन्नमस्ता

उपाय:


किसी देवी मंदिर में लाल चुनरी या वस्त्र चढ़ाएँ।


लाभ:


नेगेटिव ताकतों और बुरी नजर से सुरक्षा मिलती है।


घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।


छठा दिन – मां त्रिपुरभैरवी

उपाय:


लाल कपड़े में चावल और कौड़ी बांधकर तिजोरी में रखें।


नौ दिनों तक पूजन करके, अंतिम दिन इसे घर के आंगन में दबा दें।


लाभ:


धन की कमी दूर होती है।


स्थायी आर्थिक उन्नति होती है।


सातवां दिन – मां धूमावती

उपाय:


दुर्गा सप्तशती के 11 पाठ करें।


प्रतिदिन 11 लौंग जलाएं, उनका धुंआ घर में फैलाएँ।


लाभ:


ग्रह दोष (शनि, राहु, केतु) दूर होते हैं।


जातक को मानसिक व आरोग्यलाभ मिलता है।


आठवां दिन – मां बगलामुखी

उपाय:


9 कन्याओं को भोजन कराएँ।


उन्हें हरी चुनरी या वस्त्र भेंट करें।


लाभ:


संकट निवारण होता है।


शत्रु बाधा और मानसिक तनाव दूर होते हैं।


नौवां दिन – मां मातंगी व माँ कमला

उपाय:


नौ कन्याओं को मखाने की खीर खिलाएँ।


उन्हें दक्षिणा देते हुए चरण स्पर्श करें।


लाभ:


कर्ज-मुक्ति होती है।


धन, सौभाग्य व आत्मिक प्रशांति प्राप्त होती है।


महत्वपूर्ण संकेत

इन उपायों के साथ शुद्ध मन और श्रद्धापूर्वक निष्ठा जरूरी है।


मंत्र जाप एवं हवन गतिविधियां चरणबद्ध और साधकेतर रूप में करें।


किसी तांत्रिक या योग्य गुरु-आचार्य से मार्गदर्शन लें।


आषाढ़ गुप्त नवरात्रि आत्मिक उन्नति, मानसिक शांति और भौतिक समृद्धि लाने का अनुपम अवसर है। यदि आप इन नौ दिनों में बताए गए उपायों को संयम और श्रद्धा से अपनाते हैं, तो मां की कृपा से जीवन की बाधाएं दूर होती हैं और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

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